झाबुआ – झाबुआ जिले के स्वास्थ्य विभाग में सामग्री खरीदी से लेकर निर्माण कार्य ,रिपेयरिंग कार्य ,सब में मनमानी का दौर लगातार जारी है कई कर्मचारी अपनी मनमानी कार्यशैली से शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं । वही स्वास्थ्य विभाग सामग्री खरीदी को लेकर ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया को भी.नही अपना रहा हैं । वही विगत रात्रि में ट्रामा सेंटर संचालक द्वारा कुछ मित्रों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग में सामग्री ले जाने का या चोरी करने का प्रयास किया गया , लेकिन स्थानीय रहवासियों की सजगता से सफल नहीं हो सका ।
जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग के रहवासियों ने बताया कि रात्रि में करीब 11:30 बजे एक ऑटो चालक और एक अन्य व्यक्ति तथा ट्रामा सेंटर का संचालक देव ठाकुर द्वारा स्वास्थ्य विभाग के पलंग और गद्दे ,एक ऑटो में रखकर ले जाने या चोरी का प्रयास किया । जब स्थानीय रहवासियों ने ऑटो चालक और ट्रामा सेंटर संचालक के देव ठाकुर से इस बारे में जानकारी ली , तो सर्वप्रथम देव ठाकुर घबरा गए और फिर कहने लगे कि यह पलंग रिपेयर के लिए ले जा रहे हैं । जबकि रात्रि 11:30 – 12:00 बजे इस तरह का रिपेयरिंग कौन करता है यह समझ से परे हैं । वही स्थानीय रहवासियों की सजगता से यह चोरी का मामला टल गया । जब स्थानीय रहवासियों ने जब स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर सावन को इसकी सूचना दी , तो डॉक्टर सावन ने पुलिस को सूचना दी , उसके पहले ट्रामा सेंटर संचालक देव ठाकुर और उनके मित्रों ने सारा सामान उतारकर पुन: स्वास्थ्य विभाग. के ट्रामा सेंटर में रख दिया । जब हमने फोन पर डॉक्टर सावन से इस घटना को लेकर जानकारी प्राप्त की तब उन्होंने बताया कि स्थानीय रहवासीयो ने फोन पर उन्हें इस तरह की घटना या चोरी की सूचना दी थी तब मौका स्थल पर पहुंचकर हम ने पुलिस को भी बुलाया और सिक्योरिटी इंचार्ज ने पुलिस ने संभवत: आवेदन भी दिया । वही जब हमने पुलिस विभाग के शयाम कुमावत से इस बारे में जानकारी ली, तो उनका कहना था कि इस तरह की कोई चोरी का मामला नहीं है …। मौका स्थल पर हमें कुछ नहीं मिला । वह तो ट्रामा सेंटर संचालक पलंग रिपेयरिंग के लिए ऑटो में ले जा रहे थे । इस सारी प्रक्रिया में यह समझ में नहीं आ रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर सावन का कहना है कि रहवासियों ने सामान ऑटो में रखा हुआ देखा है और इतनी रात्रि में रिपेयरिंग का तो कोई सवाल ही ही नहीं उठता हैं । वही कुछ अन्य सामान के बक्से भी या डीएनएस बोतल के बॉक्स भी इस स्टोर में ना होते हुए बाहर ही रखे हुए थे । डा सावन का कहना हैं कि सिक्योरिटी गार्ड द्वारा संभवत: आवेदन दिया गया है वही जब हमने झाबुआ टीआई से फोन पर बात की उनका कहना है कि हमें कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ.। वही इस सारी प्रक्रिया में और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के भिन्न-भिन्न जवाबों से यह प्रतीत होता है कि कहीं इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है या फिर चोरी की घटना को सामान्य घटना बताकर इतिश्री की जा रही है इस तरह के मामले के सामने आने के बाद आशंका है कि पूर्व में भी इस तरह से ऑटो के माधयम से कई बार सामान ले जाने के प्रयास हुए होंगे । प्रश्न यह है कि आखिर इतनी रात्रि में पलंग की रिपेयरिंग को लेकर क्या आवश्यकता हुई । देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग ट्रामा सेंटर संचालक देव ठाकुर और उसके दो मित्रों पर क्या कार्रवाई करता है या फिर उन्हें बचाने का प्रयास करता है यह जांच का विषय है ।
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