रतलाम। प्रसिद्ध कथा वक्ता जयाकिशोरी कीे रतलाम के ग्राम कनेरी में श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों के मध्य किशोरी ने कथा शुरू करने से पहले कहा कि कुछ सूचनाएं और नियम बताए। आप सब जब यहां आए तो कोई न कोई उम्मीद लेकर तो आएं होंगे कि जो कथा कर रहे है, बड़े ज्ञान होंगे..? नहीं। पहले ही बता देना अच्छा बात है।
काफी लोग है जो पहली बार कथा सुन रहे है, ये कथा कुछ अलग होगी, क्योंकि जब भी आप कथा सुनते विश्राम पर कपड़े झाड़कर सबकुछ यहीं छोड़ कर घर के कामों में लग जाते हैं। फिर दूसरे दिन आकर बैठ जाते हैं ये यहां नहीं चलेगा। यहां से आप कथा सुनकर जाएंगे, ये सात दिन आपकी ट्यूशन रहेगी। में दूसरे दिन पूछगी की पहले दिन कौन-कौन सी कथाए कहीं, नहीं बताया तो आगे की कथा आरंभ नहीं होगी। अब अच्छे से सुनना पड़ेगा, ठीक है, भगवान भी खुश है, इसलिए तेज हवा चलने लगी।
अपने बारे में बताया कैसी है जया किशोर
अपने बारे में बताते हुए जयाकिशोरी ने कहा कि कथा में आने से पहले कोई कहे चलो अपने अनुभव सुना देंगी, उम्र को देखकर समझ सकते हो अनुभव नाम की भी कोई खास चिज नहीं मेरे पास है। कोई कहे वाणी अच्छी मधुर होगी, सात दिन निकल जाएंगे तो स्वीकार करती हूं कि वाणी में भी कोई माधुर्यभाव नहीं है। कोई कहें की भक्ति होगी मुझे तो नहीं दिखती। पर भी बैठ गए कथा करने। ये वही बात है कि ‘चाहत तो रस्सगुल्ले पाने की है, लेकिन गुण देखकर कोई गुड़ भी न दे… पर मैने कहा कि फिर भी अगर बैठे है तो किस कारण, केवल एक विश्वास और भरोसा है…कि अपने बुजुर्गों से सुना है। भला का संग हो तो सब काम भले ही भले होता है।
इन्होंने किया लड्डू गोपाल का पूजन वंदन…
सर्वप्रथम मंच पर पहुंचते ही जयाकिशोरी ने आराध्य देवों के साथ लड्डू गोपाल को वंदन कर व्यासपीठ पर विराजमान हुई। आरती में आयोजक मधुकिशोर पाटीदार, अशोक पाटीदार, नंदलाल पाटीदार, निर्मल पाटीदार, रमेशचंद्र पाटीदार, कन्हैयालाल पाटीदार, ओंकारलाल पाटीदार, राजकुमार गुर्जर, राकेश पाटीदार, महादेव राहुल पाटीदार आदि उपस्थित रहे। इस मौके पर शिप्रागिरी महाराज, महंत कृष्णराज, घटवासवाले गुरुजी का भी सान्निध्य मिला।
अगर आपकी संगत अच्छी है तो…
जयाकिशोरी ने बच्चों को भी सीख देते हुए बताया कि यह मनुष्य का स्वभाव है, जितना समय जिसके साथ बिताएंगे, उसकी बोली बोलने लगेंगे। बुरी आदते आसान है, अच्छा बनना कठिन है, बुरा बनना आसान है। व्यक्ति आसान रास्ता जल्दी चुनता है। कठिन रास्ते पर जाने में समय लगता है। इसलिए संभावना ये अधिक होती है कि अच्छा व्यक्ति बिगड़े, इसलिए आपकी संगत अच्छी होना चाहिए। अगर आपको जिंदगी में कुछ अच्छा करना है तो संगती अच्छी होना चाहिए, बाकि आपकी मर्जी। भले का संग हो ता सब काम भले ही भले होते है। इन सात दिनों में मेरी संगती कौन है बताईये…भगवान उनकी कथा कहनी है उनकी बात करनी, भजन गाने है। अगर ये मेरे साथ है तो कथा व वाणी में भाव आ सकते है।