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RATLAM

ब्याज माफी के लिए सरकार है कटिबद्ध-विधायक डॉ. पांडेय ग्राम हतनारा में हुआ ब्याज माफी योजना का शुभारंभ

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ब्याज माफी के लिए सरकार है कटिबद्ध-विधायक डॉ. पांडेय

ग्राम हतनारा में हुआ ब्याज माफी योजना का शुभारंभ

रतलाम / सरकार अपने वचन पत्र के  वादे पूरे कर रही है मध्यप्रदेश के 11 लाख 19 हजार किसानों को दो हजार 123 करोड़ रुपये की ब्याज माफी देने के लिए सरकार कटिबद्ध है जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सागर में आयोजित सम्मेलन से की है। उक्त बात क्षेत्रीय विधायक डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय ने ग्राम हतनारा की सहकारी संस्था के उपकेंद्र पर आयोजित मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना के तहत उपस्थित किसानों से कही।

आयोजन में अनुविभागीय अधिकारी हिमांशु प्रजापतिमहाप्रबंधक आलोक कुमार जैन,  राजेंद्र सिंह गुडरखेड़ापिपलौदा ब्रांच मैनेजर रामलाल निनामाप्रकाश पाटीदारकारुलाल डांगीइंद्रजीत सिंहठाकुर देवेंद्र सिंह पंवार आदि मंचासीन थे। समिति प्रबंधक अशोक कुमार बाफना ने बताया कि ग्राम हतनारा में कुल 618 डिफाल्टर किसान है। शुभारंभ अवसर पर कुल 66 आवेदन प्राप्त हुए है। शेष आवेदन हेतु किसानों से संपर्क किया जावेगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद किसानों की ब्याज माफी करते हुए इसके प्रमाण पत्र समिति द्वारा दिए जाएंगे। योजना के प्रचार-प्रसार के लिए समिति क्षेत्र में प्रत्येक गांव में कम से कम पांच स्थानों पर दीवार लेखन करवाएगी।

किसानों को कैसे मिलेगा ब्याज माफी का लाभ

महाप्रबंधक आलोक कुमार जैन द्वारा बताया गया कि प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक साख सहकारी समितियों (पैक्स) के ऐसे कृषकजिन पर 31 मार्च की स्थिति में कुल देयताए (मूल ब्याज) 2 लाख रूपये तक है और डिफाल्टर हैंके ब्याज की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जायेगी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2023 की स्थिति में प्रदेश में 11 लाख 19 हजार डिफाल्टर कृषक हैंजिन पर माफी योग्य ब्याज की राशि लगभग 2 हजार 123 करोड़ रूपये है। योजना का लाभ 31 मार्च 2023 की स्थिति में डिफाल्टर हुए कृषकों की सूची में से केवल आवेदन करने वाले डिफाल्टर कृषकों को ही दिया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के लिए डिफाल्टर कृषकों की सूची में यूनिक नम्बर (सरल क्रमांक) के साथ कृषक का नामउस पर बकाया मूलधन एवं माफ की जाने वाली ब्याज राशि का विवरण बैंक स्तर पर यूटिलिटी पोर्टल से सार्वजनिक किया जायेगा।

 राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली अंशपूँजी की राशि का उपयोग सभी संबंधित संस्थाएँ प्रथमतः कृषकों के ब्याज को माफ करने के लिये उपयोग करेंगी। प्रदत्त अंशपूँजी वापसी योग्य नहीं होगी। कृषकों के लिये योजना की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2023 रखी गई है। योजना से लाभान्वित कृषकों को कृषि कार्य के लिये खाद उपलब्ध कराने के लिये यह विशेष सुविधा दी जायेगी कि जितनी राशि कृषक अपने ऋण खाते में नगद जमा करेंगेउतनी राशि तक का खाद समिति से ऋण के रूप में प्राप्त कर सकेंगे। योजना में डिफाल्टर कृषकों की संख्या एवं ब्याज की राशि आदि में आवश्यकतानुसार संशोधन/परिवर्तन करने का निर्णय लेने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। अपर मुख्य सचिव वित्तअपर मुख्य सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकाससचिव सहकारिताआयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ कमेटी के सदस्य और प्रबंध संचालक राज्य सहकारी बैंक को संयोजक सदस्य है प्रक्रिया मे प्रदेश भर की सोसाइटियों यानी सहकारी समितियों पर डिफॉल्टर किसानों की लिस्ट चस्पा की जाएगी। इसमें किसान अपने नाम देख सकेंगे।

13 मई से 15 मई तक चार दिन किसानों से ब्याजमाफी योजना के फॉर्म भरवाए जाएंगे। अधिकारी इस योजना के पात्र किसानों के फॉर्म भरवाएंगे। सहकारी समितियों के प्रबंधकसेल्समैन कोऑपरेटिव बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी गांवों में दीवार लेखन कराकर ब्याजमाफी योजना के फॉर्म भरवाने वाले कैम्प की जानकारी देंगे। वही से 18 मई तक आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। 23 मई को वित्त विभाग से सहकारिता विभाग को 2250 करोड़ की राशि ट्रांसफर की जाएगी। 26 व 27 मई को किसानों को कालातीत ऋण (डिफॉल्टर मुक्ति) का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। मूलधन और ब्याज को मिलाकर जिन किसानों की राशि दो लाख रुपए तक हैउनका ब्याज माफ किया जाएगा।

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