कैलाश विजयवर्गीय बोले, कर्नाटक हार से थोड़ी निराशा, मध्य प्रदेश में फिर बनेगी सरकारकैलाश विजयवर्गीय बोले, मध्य प्रदेश में कमीशनखोरी जैसी कोई बात नहीं, कांग्रेस अपने सरकार बनाने का सपना देख रही है।
रतलाम । हर प्रदेश में अलग-अलग मुद्दे होते हैं। कर्नाटक चुनाव के परिणाम को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हमें करीबी मुकाबला होने की उम्मीद थी इसलिए कुछ निराशा है। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार फिर से बनेगी। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी भी रहे मौजूद
इस अवसर पर विजयवर्गीय ने कहा कि अभी पूरे प्रदेश का दौरा कर रहा हूं। नेतृत्व परिवर्तन की संभावना पर इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि ये सब बातें मीडिया में है। इसका कोई आधार नहीं है। प्रदेश में कमीशनखोरी जैसी कोई बात नहीं, कांग्रेस अपने सरकार बनाने का सपना देख रही है। इस दौरान विजयवर्गीय के साथ पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी, आरडीए अध्यक्ष अशोक पोरवाल सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे। दूसरी ओर पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के पावर हाउस रोड निवास पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत किया गया। पूर्व महापौर डागा द्वारा पुष्पमाला पहनाई गई तथा माहेश्वरी समाज, भाजपा कार्यकर्ता व क्षेत्रवासियों ने मोतियों की माला से स्वागत किया। सनातन सोशल ग्रुप के मुन्नालाल शर्मा, कुशाभाऊ ठाकरे मंडल अध्यक्ष आदित्य डागा, पवन सोमानी, गोपाल काकानी, अर्चित डागा आदि मौजूद थे।
नामली । हम लोग स्कूलों में पढ़ते थे, तब स्कूल पढ़ाई के पश्चात प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ और शाम को रामायण, भागवत गीता जैसे ग्रंथों का पाठ करते थे। लेकिन आज के युवा इन ग्रंथों का महत्व समझते भी नहीं है और कई युवा तो आज के समय में नशे के आदि हो गए हैं। इस कारण छोटी-छोटी बातों को लेकर डिप्रेशन में चले जाते हैं। युवाओं को यदि नशा ही करना है तो हनुमानजी ने किया था राम की भक्ति का नशा, भगतसिंह ने किया था देश भक्ति का नशा और उस नशे में ही कहा था देश के लिए एक भगतसिंह मर जाएगा तो सौ भगतसिंह जन्म लेंगे। यह बात नीलकंठ धाम घटवास में चल रहे 108 अष्टोत्तर शत कुंडात्मक श्री हनुमत महायज्ञ सत्संग व संत सम्मेलन के समापन पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कही। उन्होंने कहा कि छोटे से गांव में जहां गाेशाला का निर्माण हो, संतों का सम्मेलन हो, महायज्ञ हो, धर्म की गंगा बहती हो इस तरह के पवित्र आयोजन जा होते हो, वहां पहुंचकर ऐसे आयोजन में सम्मिलित होने से ही चारों धाम की यात्रा का पुण्य लाभ मिल जाता है। विजयवर्गीय द्वारा गाए धार्मिक भजनों पर पंडाल में बैठे भक्तों ने नृत्य किया।( सौजन्य से दैनिक नई दुनिया)