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झाबुआ

आओ पता लगाए:- स्वास्थ्य विभाग में जय-वीरू की कौन सी जादूगर जोडी हैं जिन्होंने शासन प्रशासन की आखो पर स्टे की पट्टी लगाकर, विभाग को चूना लगा रहै हैं…..?

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झाबुआ। जिले के स्वास्थ्य विभाग में फिल्म शोले के जय वीरू की जोड़ी की तरह ,मित्रगण एक दूसरे को बचाते हुए और दोनों ही जादूगर की तरह कार्य करते हुए, प्रशासन की आंखों पर स्टे की पट्टी लगाकर, स्वास्थ्य विभाग को चूना लगा रहे हैं । और यह जोड़ी इतनी बहुचर्चित हो गई है कि लोगों ने तो यह तक कहना शुरू कर दिया है कि यह फेविकोल का मजबूत जोड़ है टूटेगा नहीं । जी हां हम बात कर यहे.हैं स्वास्थ्य विभाग के सीएचएमओ और मनीष की, जिसमें सीएमएचओ साहब ने मनीष की जॉइनिंग के लिए सारे नियम कायदे को तांक में रख दिये थे.। मनीष ने धार से रिलीव किया ही नहीं और साहब ने मनीष को झाबुआ लाने की जुगाड प्रारंभ कर दी थी। और तो और 14 जनवरी.2022 को मनीष ने सीएमएचओ कार्यालय में ज्वाईन किया , वही 17 जनवरी .2022 को सीएमएचओ साहब ने विभाग को मार्गदर्शन के लिए पत्र लिखा और मनीष को जिला लेखा प्रबंधक का प्रभार सौप दिया । जबकि वरिष्ठों का अभी तक तो मार्गदर्शन प्राप्त ही नही हुआ था और साहब ने मनीष को वित्तीय अधिकार सौंप दिए । और वित्तीय अधिकार प्राप्त होते ही मनीष ने सामग्री खरीदी व बिलो के भुगतान प्रारंभ कर दिये । वही इस जॉइनिंग के लिए मनीष जी का कहना हैं कि उन्हे स्टें मिला । व उनके साथ 20 से 22 लोग और है । लेकिन उन 20 से 22 लोगों को नियमों को देखते हुए कहा प्रभार सौपा, यह जांच का विषय है वही 20 से 22 की जो बात की जा रही है उनके इक्का दुक्का को प्रभार सौपा है वो भी पुरा नही। लेकिन यहां तो मामला कुछ ओर ही है एक तरफ मामला न्यायालय में चल रहा हैं और दूसरी तरफ साहब ने चहेते मनीष को वित्तीय अधिकार सौप दिए । तो क्या ये वित्तीय अनियमित्ता की श्रेणी मे नही है । वित्तीय अधिकार मिलने के पश्चात मनीष के हस्ताक्षर से करोडों के टेंडरों ,खरीदी… और लेनदेन के बिलों के भूगतान तो हुए है। वही यदि न्यायालय में प्रकरण चलने पर वित्तीय प्रभार दिया जा सकता हैं या नहीं , इसको लेकर भी जांच की जाना चाहिए । क्योकि शासन द्वारा उस भर्ती को निरस्त कर दिया गया है । क्या शासन द्वारा लिया गया निर्णय गलत है । एक तरफ तो मनीष को धार से सैलरी प्राप्त हो रही है वहीं दूसरी ओर झाबुआ मे पदस्थ होकर सामग्री खरीदी व बिलों के भुगतान में भी लक्ष्मी यंत्र प्राप्त हो रहे हैं । जिससे मनीष को दौहरा आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है । वही मनीष ने अपने कई मित्रों की फर्मों को सामग्री खरीदी के लिए, स्वास्थ्य विभाग में सप्लाई आर्डर दिए थे । और इन सप्लाई आडरों में सामग्री विभाग के स्टोर तक पहुंची या नहीं या सिर्फ भुगतान किए गए हैं यह भी जांच का विषय हैं । जिला प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के मामलों पर जांच पश्चात , कारवाई की जाना चाहिए अन्यथा कहीं यह दोनों ही जादूगर अपने जादुई तिलिस्म से ,आर्थिक लालच को बढावा देते हुए, जिला प्रशासन व वर्तमान कलेक्टर की साफ-सुथरी छवि को धूमिल ना कर दें । कहीं यह जय वीरू की जोड़ी वर्तमान कलेक्टर के कार्यकाल को दागदार न कर दे ।

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