राजपूताना आन-बान-शान से निकली शौर्य यात्रा
रतलाम। महाराणा प्रताप जन्मोत्सव पर राजपूताना आन-बान-शान के साथ शौर्य यात्रा महलवाड़ा शुरू हुई। हजारों की संख्या में राजपूत सरदार-क्षत्राणियां अपनी पारंपरिक वेशभूषा में चल रहे थे। 300 से ज्यादा बालिकाएं श्वेता वस्त्र, भगवा साफा हाथों में तलवार लिए धारण किए अनुशासनात्मक कतारबद्ध होकर जय भवानी के जयघोष के चल रही थी जो कि आकर्षण का केन्द्र रही
यात्रा में डीजे, छह बुलेट और 11 अश्व पर सवार तिरंगा और जय महाराणा जय राजपूताना लिखी केसरिया ध्वज थामें ढोल नगाड़े के साथ चल रहे थे। शौर्य यात्रा महलवाड़ा परिसर से शुरू होकर राजमहल पैलेस रोड़ होते हुए डालूमोदी बाजार, माणक चौक, घांस बाजार, चौमुखी पुल, चांदनी चौक, तोपखाना, बजाज खाना, गणेश देवरी, धानमंडी, शहीद चौक से होते हुए महाराणा प्रताप चौक सैलाना बस स्टैंड चौराहा पर यात्रा समाप्त हुई।
रथ पर महापुरुषों के चित्र
शौर्य यात्रा में चार रथ बनाए गए थे, जिसमें सर्वप्रथम सर्वप्रथम रतलाम के संस्थापक महाराजा रतनसिंह, दूसरे में शिवाजी और तीसरे में महाराणा प्रताप और चौथे रथ पर महाराजा छत्रसाल बुंदेला का चित्र सुशोभित था। साथ ही तीन दिवसीय श्री राजपूत नवयुवक मंडल न्यास एवं महिला मंडल के 63वें वार्षिकोत्सव का भी समापन हुआ।
इन्होंने किया स्वागत सम्मान
शौर्य यात्रा का विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक संगठन सनातन सोशल ग्रुप, धर्मेन्द्र रांका मित्र मंडल, धर्मेन्द्र व्यास मित्र मंडल, क्षत्रिय मराठा समाज, प्रभु राठौड़ मित्र मंडल, शांतिलाल वर्मा मित्र मंडल, नागेश्वर हिन्द व्यायामशाला, अम्बर ग्रूप, स्व. प्रहलाद सिंह शक्तावत स्मृति मंच आदि सामाजिक संगठनों की ओर से यात्रा का पुष्प वर्षा, ठंडे पेय पदार्थ वितरित कर स्वागत किया।
ये रहे शामिल
महाराणा प्रताप चौक स्थित महाराणा की प्रतिमा पर समाज के वरिष्ठ विजयसिंह हारोड, विधायक चेतन्य काश्यप, कोमल सिंह राठौर पूर्व विधायक, महापौर प्रहलाद पटेल, कांग्रेस शहर कार्यकारी अध्यक्ष शैलेन्द्रसिंह अठाना, कांग्रेस नेता मयंक जाट, वीरेन्द्रसिंह राठौर, प्रवीण सिंह हारोड़, विजयसिंह चौहान, नरेन्द्रसिंह सोलंकी, निखलेशसिंह पंवार आदि ने माल्यार्पण आदि ने माल्यार्पण किया। इसके बाद मिठाई वितरण किया गया। सफल आयोजन को लेकर समिति के नरेन्द्रसिंह चौहान सहित समस्त पदाधिकारियों समाजजनों के प्रति हृदय से आभार माना।
250 से अधिक सदस्यों ने संभाली व्यवस्था
शौर्य यात्रा में राजेन्द्रसिंह गोयल, शैलेन्द्रसिंह देवड़ा, मनोहर सिंह चौहान, अजीतसिंह सांकला, प्रवीण सिंह हारोड़, भारतसिंह सिसौदिया, गोविन्दसिंह चौहान, वीरेन्द्रसिंह डोडिया, लाखनसिंह शेखावत, जितेन्द्रसिंह सोलंकी, कमलेश सिंह भाटी, नरेन्द्रसिंह सिसौदिया, मयंकसिंह राठौर, भुपेन्द्रसिंह राठौर, हिमांशुसिंह पंवार, हर्षसिंह पंवार, लखनसिंह चौहान, अमनसिंह चंद्रावत, कुणाल गोयल, देवेन्द्रसिंह जाधव,नवनीतसिंह देवड़ा, किशोरसिंह चौहान, शैलेन्द्रसिंह राठौर, किरण तंवर, जया गोयल, अन्नू कुंवर हारोड़, राजेश्वरी राठौर, कविता देवड़ा, श्वेता हाड़ा, जसकुंवर पंवार, प्रीति सोलंकी ऋतु राठौर, रानू राठौर, सुनीता सांकला, अनिता देवड़ा, यूपी बाइसा, रजनाजी गोयल, किरण गोयल सहित बड़ी संख्या समाजजन उपस्थित थे। 300 से अधिक बालिकाओं ने धारण किए केसरिया साफा। 6 बुलेट, 11 घुड़ सवार ध्वजा लेकर हुए शामिल।
धरती वीरा की…हल्दी घाटी में समर लडय़ो..
रतलाम। धरती वीरा की…हल्दी घाटी में समर लडय़ो वो चेतक रो असवार कठे…जय भवानी, जय शिवा सरदार जय राणा प्रताप की…जयघोष के साथ हिन्दू वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जन्मोत्सव पर शहर में राजपूताना आन-बान-शान के साथ शौर्य यात्रा सोमवार सुबह महलवाड़ा परिसर से शुरू हुईसर्वप्रथम श्री महाराणा प्रताप जन्मोत्सव समिति सहित राजपूत समाज के समस्त संगठन के पदाधिकारियों ने राजराजेश्वरी पदमावती माता एवं जागनाथ महादेव की पूजा-अर्चना कर चुनरी अर्पण कर आरती की। इसके बाद रतलाम संस्थापक महाराजा रतनसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शौर्य यात्रा की 8.24 बजे शुरुआत की।
आकर्षण का केन्द्र रही
शौर्य यात्रा में हजारों की संख्या में राजपूत सरदार-क्षत्राणियां अपनी पारंपरिक वेशभूषा में चल रहे थे। 300 से ज्यादा बालिकाएं श्वेता वस्त्र, भगवा साफा हाथों में तलवार लिए धारण किए अनुशासनात्मक कतारबद्ध होकर जय भवानी के जयघोष के चल रही थी जो कि आकर्षण का केन्द्र रही। यात्रा में डीजे, छह बुलेट और 11 अश्व पर सवार तिरंगा और जय महाराणा जय राजपूताना लिखी केसरिया ध्वज थामें ढोल नगाड़े के साथ चल रहे थे। शौर्य यात्रा महलवाड़ा परिसर से शुरू होकर राजमहल पैलेस रोड़ होते हुए डालूमोदी बाजार, माणक चौक, घांस बाजार, चौमुखी पुल, चांदनी चौक, तोपखाना, बजाज खाना, गणेश देवरी, धानमंडी, शहीद चौक से होते हुए महाराणा प्रताप चौक सैलाना बस स्टैंड चौराहा पर यात्रा समाप्त हुई। शौर्य यात्रा में चार रथ बनाए गए थे, जिसमें सर्वप्रथम सर्वप्रथम रतलाम के संस्थापक महाराजा रतनसिंह, दूसरे में शिवाजी और तीसरे में महाराणा प्रताप और चौथे रथ पर महाराजा छत्रसाल बुंदेला का चित्र सुशोभित था। साथ ही तीन दिवसीय श्री राजपूत नवयुवक मंडल न्यास एवं महिला मंडल के 63वें वार्षिकोत्सव का भी समापन हुआ।
इन्होंने किया स्वागत सम्मान
शौर्य यात्रा का विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक संगठन सनातन सोशल ग्रुप, धर्मेन्द्र रांका मित्र मंडल, धर्मेन्द्र व्यास मित्र मंडल, क्षत्रिय मराठा समाज, प्रभु राठौड़ मित्र मंडल, शांतिलाल वर्मा मित्र मंडल, नागेश्वर हिन्द व्यायामशाला, अम्बर ग्रूप, स्व. प्रहलाद सिंह शक्तावत स्मृति मंच आदि सामाजिक संगठनों की ओर से यात्रा का पुष्प वर्षा, ठंडे पेय पदार्थ वितरित कर स्वागत किया।
महाराणा प्रताप चौक स्थित महाराणा की प्रतिमा पर समाज के वरिष्ठ विजयसिंह हारोड, विधायक चेतन्य काश्यप, कोमल सिंह राठौर पूर्व विधायक, महापौर प्रहलाद पटेल, कांग्रेस शहर कार्यकारी अध्यक्ष शैलेन्द्रसिंह अठाना, कांग्रेस नेता मयंक जाट, वीरेन्द्रसिंह राठौर, प्रवीण सिंह हारोड़, विजयसिंह चौहान, नरेन्द्रसिंह सोलंकी, निखलेशसिंह पंवार आदि ने माल्यार्पण आदि ने माल्यार्पण किया। इसके बाद मिठाई वितरण किया गया। सफल आयोजन को लेकर समिति के नरेन्द्रसिंह चौहान सहित समस्त पदाधिकारियों समाजजनों के प्रति हृदय से आभार माना।
समाजजन उपस्थित थे
शौर्य यात्रा में राजेन्द्रसिंह गोयल, शैलेन्द्रसिंह देवड़ा, मनोहर सिंह चौहान, अजीतसिंह सांकला, प्रवीण सिंह हारोड़, भारतसिंह सिसौदिया, गोविन्दसिंह चौहान, वीरेन्द्रसिंह डोडिया, लाखनसिंह शेखावत, जितेन्द्रसिंह सोलंकी, कमलेश सिंह भाटी, नरेन्द्रसिंह सिसौदिया, मयंकसिंह राठौर, भुपेन्द्रसिंह राठौर, हिमांशुसिंह पंवार, हर्षसिंह पंवार, लखनसिंह चौहान, अमनसिंह चंद्रावत, कुणाल गोयल, देवेन्द्रसिंह जाधव,नवनीतसिंह देवड़ा, किशोरसिंह चौहान, शैलेन्द्रसिंह राठौर, किरण तंवर, जया गोयल, अन्नू कुंवर हारोड़, राजेश्वरी राठौर, कविता देवड़ा, श्वेता हाड़ा, जसकुंवर पंवार, प्रीति सोलंकी ऋतु राठौर, रानू राठौर, सुनीता सांकला, अनिता देवड़ा, यूपी बाइसा, रजनाजी गोयल, किरण गोयल सहित बड़ी संख्या समाजजन उपस्थित थे।
– 250 से अधिक सदस्यों ने संभाली व्यवस्था।
– 300 से अधिक बालिकाओं ने धारण किए केसरिया साफा।
– 6 बुलेट, 11 घुड़ सवार ध्वजा लेकर हुए शामिल।
( सौजन्य से दैनिक पत्रिका)