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झाबुआ

विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं और उनके कार्यों को तवज्जो देना होगी……

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झाबुआ – मध्यप्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के अलावा जयस व बसपा भी सक्रियता से इस क्षेत्र में दिख रहे हैं । भाजपा एक अनुशासित पार्टी है जिसमें अनुशासन और संगठन के साथ-साथ कार्यकर्ता भी सर्वोपरि है लेकिन विगत कुछ वर्षों में देखने में आया है कि भाजपा अपने मूल कार्यकर्ताओं और उनके कार्यों को तवज्जो नहीं दे रही है जिससे भाजपा का कार्यकर्ता धीरे-धीरे भाजपा से दूरी बनाता जा रहा है यदि हम बात करें भाजपा की तो चुनाव चाहे नगर पंचायत का हो, नगर पालिका का हो , नगर निगम का हो, विधानसभा हो या लोकसभा हो , भाजपा कार्यकर्ताओं के दम पर ही चुनाव मैदान में उतरती है । यह वही भाजपा कार्यकर्ता है जो घर घर-घर , गांव-गांव व फलिये फलिये पहुंचकर भाजपा का झंडा फहराते हैं । मौका आने पर यही कार्यकर्ता टाटपट्टी और दरी भी बिछाते हैं और पानी भी पिलाते हैं । यह वही कार्यकर्ता जो भाजपा की जनकल्याणकारी योजनाओं को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर प्रचार प्रसार करते है व भाजपा की रिती नीति से भी आमजन व ग्रामीणों को अवगत कराते हैं । और पात्र हितग्राहियों को उक्त योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद करते हैं । यह वही भाजपा कार्यकर्ता हैं जो किसी भी तरह के प्रलोभन में ना आकर, भाजपा के लिए कार्य करते है यह वही भाजपा कार्यकर्ता है जब प्रदेश लेवल के निर्देश अनुसार, बूथ स्तर का कार्यक्रम हो , जिला स्तर कार्यक्रम हो या अन्य कोई रैली हो , तब भाजपा को इन कार्यकर्ताओं की ही याद आती है । यह वही कार्यकर्ता है जो अपने आर्थिक हितों को भी न साधते हुए मात्र पार्टी के लिए काम करते हैं । यह वही कार्यकर्ता है जो पार्टी के निर्देशों पर हर समय कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं । यह वही कार्यकर्ता है जो चुनाव के दौरान भाजपा के लिए वोट मांगते हैं और भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए अपील भी करते हैं यह वही कार्यकर्ता है जो एक-एक वोटर की लिस्टिंग कर, मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित भी करते हैं । नए नए वोटरों को जोड़ने का काम भी करते हैं । यह वही कार्यकर्ता है जो जन हितेषी मुद्दों को ध्यान में रखकर आम जनों को भाजपा सरकार बनने पर उनकी समस्याओं का समाधान करने की बात भी करते हैं । यही वही कार्यकर्ता है………. चुनाव के दौरान जो शहरी व ग्रामीणों को सभा के लिए भीड भी एकत्रित करते हैं । यह वही कार्यकर्ता है ……………यही वही कार्यकर्ता है जो चुनाव में विपक्षियों से आमना सामना भी करते हैं …..यह वही……यह वही कार्यकर्ता हैं…… यह वही कार्यकर्ता हैं……..। इसके अलावा भाजपा उन पुराने सभी कार्यकर्ताओं को भूल चुकी है जब इस जिले में कांग्रेस का बोलबाला हुआ करता था । जिन्होने भाजपा की रीति नीति से शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में आमजनों का अवगत कराया । वे सभी पुराने कार्यकर्ता आज कहीं भी भाजपा के संगठन में भी कहीं भी नजर नही आ रहे हैं क्यों क्या कारण हैं…..?

लेकिन विगत कुछ वर्षों में देखने में आया है कि भाजपा चुनाव के समय तो अपने कार्यकर्ताओं को याद रखती है और तवज्जो भी देती है लेकिन चुनाव जीतने के बाद ही भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन कार्यकर्ताओं को भूल जाता है । चुनाव जीतेने के साथ ही भाजपा के मंत्री मिनिस्टर के लोग जिले में सामग्री सप्लायों के लिए दौड़ भाग शुरू कर देते हैं यह मंत्री मिनिस्टर के लोग अपने आकाओं से बात कर आर्थिक लाभ कमाने के लिए मध्य प्रदेश के सभी जिलों में घूमते रहते हैं जबकि इन जिलों में इनका कार्यकर्ताओं के हैसियत से कोई सहयोग नहीं रहता । यह सिर्फ अपने आर्थिक लाभ को पूरा करने के लिए भाजपा का गमछा पहनते हैं वहीं भाजपा का मूल कार्यकर्ता , भाजपा का शासन आने के बाद भी अपने छोटे-छोटे कामों के लिए अधिकारी कर्मचारियों के कार्यालयों के चक्कर काटते रहता है । इसके अलावा कई कार्यकर्ताओ ने भी जिन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान जन हितेषी मुद्दों को लेकर जो वादे किए थे उन्हें भी पूरा करने के लिए कई बार उन्होंने संगठन से भी अपनी बात रखी । लेकिन कई मामलों में उन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ । इसके अलावा कई कार्य ऐसे भी है जो भाजपा का कार्यकर्ता अपने शासन में नहीं करवा पाए और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कर दिखाया, जिससे भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटा, इस और विशेष ध्यान देने की जरूरत है । इसके अलावा कई बार तो जिले में प्रभारी मंत्री के दौरे होने पर , अपनी विडंबना भी सुनाई, लेकिन इनमें से कई बार इन कार्यकर्ताओं को निराशा ही हाथ लगी है । इस कारण कई कार्यकर्ताओं भाजपा की इस बेरुखी से परेशान भी है और धीरे-धीरे अब भाजपा से दूरी बनाने लगे हैं और कहीं ना कहीं यह भाजपा के लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है । इसलिए विधानसभा चुनाव 2023 को ध्यान में रखते हुए भाजपा को अपने मूल कार्यकर्ता , पुराने कार्यकर्ता और नवीन कार्यकर्ताओं को संगठित कर , एक माला में पिरोना होगा तथा शासन प्रशासन के साथ मिलकर तालमेल बैठाकर, उन कार्यकर्ताओं को सम्मान देना होगा और उनके छोटे-छोटे कार्यों को तवज्जो देना होगी । इसके अलावा भाजपा को मौकापरस्त लोगों से दूरी बनाना होगी और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देना होगा , तब कहीं जाकर यह कार्यकर्ता भाजपा के लिए काम करेगा और आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार भी करेगा और जीत के रास्ते भी प्रशस्त करेगा….।

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