किसान शेड पर दिन-रात जला रहे मुफ्त की बिजली
रतलाम। कृषि उपज मंडी में व्यापारियों का शेडों पर दबदबा होने के साथ ही यहां संचालित हो रहे आफिसों पर भी मुफ्त की बिजली से बल्व व अन्य उपकरण रोशन हो रहे हैं। रात तो दूर दिन में भी मुफ्त में बिजली का अनलिमीटेड उपयोग कर मंडी प्रशासन को चूना लगाया जा रहा है। मंडी के अधिकारी शेड खाली कराने में तो नाकारा साबित हो रहे हैं। हर बार नोटिस देकर इतिश्री हो रही है महू-नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए आठ शेड बनाए गए है, लेकिन इन सभी पर व्यापारियों ने अपनी-अपनी उपज के साथ अन्य सामग्री भी जमा कर रखी है, बारिश का मौसम सर पर है, परिसर में उपज लेकर खड़े किसान घनघोर घटाएं देखकर सुबह से लेकर रात तक परेशान होते रहते हैं। किसान शेड पर लगी हर टेबल कुर्सी के साथ तीन से चार बल्व अलग से जलाए जा रहे हैं। इसके अलावा तौल कांटे के साथ मोबाइल, लेपटॉप आदि उपकरणों का चार्ज भी यहीं हो रहे हैं, जिसकी बिल भुगतान मंडी प्रशासन कर रही है।
किसान कहते शेडों पर व्यापारियों के कब्जे
शेड पर तो व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है, वहां किसानों की ट्रालियां खड़ी करने की जगह कहा हैं। आसमान पर बादल छा रहे हैं, थोड़े से पानी आने के बाद भाव में सौ-डेढ़ सौ रुपए की कमी कर देंगे। यह कहना था बिरमावल के किसान राकेश निनामा और रानीसिंग के अरविंद शंभू का। शंभू ने बताया कि बूंदाबांदी शुरू हो गई है, गेहूं थोड़ा भी भिगा तो भाव कम कर देंगेे। अब एक कर्मचारी आया था, जिसने कहा कि मंडी कार्यालय के सामने बुला रहे हैं, अब ट्राली लेकर जाते है वहां नीलाम होगी।
मुफ्त की बिजली का उपयोग गलत है
मंडी सचिव एमएस मुनिया से जब किसान शेड पर मंडी की बिजली का उपयोग व्यापारियों के करने के संबंध में चर्चा की गई, इस पर सचिव ने बताया कि किसान शेड पर मंडी की बिजली का व्यापारी मुफ्त में उपयोग कर रहा है तो गलत है, मैं दिखवाता हूं। किसान शेड से व्यापारियों का जमा सामान हटाने के लिए फिर से नोटिस दिया जाएगा।
व्यापारी फर्म बंद करवाई बिजली
कुछ देर बात एक कर्मचारी मंडी के बिजली का कार्य देखने वाले कर्मचारी मुकेश शर्मा से कहने आता है कि साहब कह रहे है कि शेडों पर लाइट जल रही है, बंद करों। इसके बाद शर्मा वाहन लेकर किसान शेड पर व्यापारियों के ऑफिसों पर पहुंचकर जल रही, बिजली बल्वों को बंद करने पहुंचें दो-तीन व्यापारी फर्म का बंद किए।
क्या कहते मंडी कर्मचारी
मंडी कर्मचारियों का कहना है कि किसान शेड के अंदर के साथ ही गोल बिल्डिंग, फोकस आदि के 50-60 हजार रुपए प्रतिमाह का बिल आता है। सारा बिल मंडी प्रशासन ही वहन कर रहा है। एक शेड पर दस व्यापारी का माल जमा है और टेबल लगी हुई है, बिजली का व्यापारियों से कोई बिल नहीं लिया जाता है। कांटे चार्ज कर रहे कोई बात नहीं, लेकिन अन्य बिजली उपकरण जला रहे हैं तो गलत है।