गुरु हमारे जीवन में न केवल ज्ञान का स्रोत होते हैं, बल्कि हमें आदर्श दिशा देते है- सांसद गुमानसिंह डामोर ।
सांसद श्री डामोर ने अचंलवासियों को दी गुरूपूर्णिमा की बधाईयां ।
झाबुआ । गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर क्षेत्रीय सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने संसदीय क्षेत्र के सभी लोगों को बधाईयां देते हुए कहा है कि गुरु पूर्णिमा एक परंपरागत हिंदू त्योहार है जो हर साल आषाढ़ पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व इस वर्ष 3 जुलाई सोमवार को मनाया जावेगा । यह दिन गुरु की महिमा, शिक्षा की महत्वता, और छात्र-गुरु संबंध की महत्वपूर्णता को मान्यता देने के लिए विशेष रूप से समर्पित होता है। इस दिन सभी अपने आराध्य गुरूवर के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें पूजा-अर्चना करके उनका आशीर्वाद लेते हैं। श्री डामोर ने आगे कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन, श्रद्धालुजन अपने गुरुओं के सम्मान में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वे आरती और मंत्रों के माध्यम से अपने गुरुओं को समर्पित करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। कुछ लोग गुरु के चरणों में मत्था टेकते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, साधु-संत धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित की जाती हैं जहां गुरु-शिष्य संबंध और शिक्षा के महत्व पर चर्चा की जाती है।
श्री डामोर ने अपने सन्देश मे कहा कि गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक,धार्मिक एवं पौरााणिक महत्व है उसके पीछे शिष्य-गुरु संबंध की महत्वपूर्णता में छिपा है। गुरु हमारे जीवन में न केवल ज्ञान का स्रोत होते हैं, बल्कि हमें आदर्श दिशा देते हैं और हमारे सभी क्षेत्रों में मार्गदर्शन करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम अपने गुरुओं के आदर्शों का सम्मान करें, उनके ज्ञान की महिमा को स्वीकार करें, और उनके प्रेरणादायक उदाहरणों का अनुसरण करें। इससे हमारा सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकसित होता है और हम सफलता की ओर अग्रसर होते हैं।
सांसद श्री डामोर ने संसदीय क्षेत्र के सभी लोगों को गुरु पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि यह गुरुओं के समक्ष झुकने का दिन है, जिन्होंने समाज को संवारने में अहम भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के पावन दिन हम अपने सभी गुरुओं के सम्मान में उनके समक्ष झुकते हैं जिन्होंने हमारे समाज को प्रेरित करने और उसे आकार देने में अहम भूमिका निभायी है। गुरु पूर्णिमा हमारे गुरुओं के प्रति हमारी कृतज्ञता और आभार व्यक्त करने का विशेष अवसर है। गुरु हमारे जीवन में ना सिर्फ ज्ञान का स्रोत होते हैं, बल्कि हमारे मार्गदर्शक और प्रेरक भी होते हैं। गुरू के प्रति अपनी भावांजलि व्यक्त करते हुए श्री डामोर ने कहा कि ’’हमारे माता पिता ने हमें जीवन दिया और यह आप ही थे,जिन्होंने हमें सिखाया कि इसे कैसे जीना है। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरूजनों कोप्रणाम करते हुए सांसद श्री डामोर ने कहा कि जिसके प्रति मन में सम्मान होता है, जिसकी डांट में भी एक अद्भुत ज्ञान होता है,जन्म देता है कई महान हस्तियों को,वो गुरु तो सबसे महान होता है ।