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झाबुआ

दुकानों पर नियम विरुद्ध चल रहे घरेलू गैस सिलेंडर, उपयोग होकर घरों में पहुंच जाते हैं……….. सिलेंडर की पिन लीक होने से रिसने लगती है गैस,जबकि दुकानों पर कमर्शियल होना चाहिए…………… एजेंसी ने तीन साल में कभी नहीं की गैस कनेक्शनों की सुरक्षा जांच…………………

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दुकानों पर नियम विरुद्ध चल रहे घरेलू गैस सिलेंडर, उपयोग होकर घरों में पहुंच जाते हैं………..

सिलेंडर की पिन लीक होने से रिसने लगती है गैस,जबकि दुकानों पर कमर्शियल होना चाहिए……………

एजेंसी ने तीन साल में कभी नहीं की गैस कनेक्शनों की सुरक्षा जांच…………………

झाबुआ। अगर घर घरेलू गैस सिलेंडर आया है तो उसे एक बार जरूर चेक कर लें कि सिलेंडर की कहीं पिन लीक तो नहीं हो रही है। अगर ऐसा है तो तत्काल उसे वापस कर दें। नहीं तो गैस रिसने से बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि यह घरेलू गैस सिलेंडर दुकानों पर भी उपयोग किए जा रहे हैं। सिलेंडर से बार-बार रेगुलेटर निकालने व लगाने के साथ-साथ रिफलिंग से पिन लीक होने लगती है।

दो साल में एक बार जांच अनिवार्य ……………………….
गैस उपभोक्ताओं के घरेलू कनेक्शनों की सुरक्षा जांच करने की जिम्मेदारी एजेंसी की होती है। पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देशानुसार दो साल में एक बार उपभोक्ता के गैस कनेक्शन की सुरक्षा जांच एजेंसी के मैकेनिक को करना अनिवार्य है। लेकिन एजेंसी से जुड़े हजारों उपभोक्ताओं के गैस कनेक्शनों की जांच तीन सालों में कभी नहीं हुई। है। शहर और गांवों में घर अथवा खाद्य दुकानों पर कनेक्शनों की जांच नहीं होने से घरों में गैस लीकेज से हादसे का खतरा बना रहता है। हालांकि गैस एजेंसी इस प्रकार की सुरक्षा जांच के लिए उपभोक्ताओं से निर्धारित शुल्क भी लेती है।

ये जांच करेंगे मैकेनिक ……………………
कंपनी के मैकेनिक कनेक्शन में उपयोग होने वाली सामग्री की जांच करेंगे। इसमें गैस पाइप, गैस चूल्हा, गैस सिलेंडर रखने की स्थिति की जांच होगी। इसके अलावा गैस सिलेंडर के पास बिजली उपकरणों की दूरी जैसे हीटर, फ्रिज आदि की दूरी की जांच करेंगे। इस दौरान कनेक्शन में सुरक्षा की दृष्टि से किसी प्रकार की कमी मिलने पर उसे तत्काल दूर किया जाएगा। वहीं उपभोक्ताओं को गैस चूल्हा रखने की स्थिति में परिवर्तन करने संबंधी समझाइश भी मैकेनिक देते हैं।

विभाग गंभीर नहीं है …………….
घरेलू गैस सिलेंडर उपयोग करने वाले दुकानदार व होटल संचालकों पर सिर्फ नाम की कार्रवाई करके खानापूर्ति की गई है। अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक विभाग के मुताबिक 5 कार्रवाई की गई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि खाद्य विभाग कार्रवाई करने में कितना सख्त दिखाई दे रहा है। जबकि गैस सिलेंडर में आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद भी खाद्य विभाग गंभीर नहीं है।
करते रहते हैं धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग …………………………………
शहर की दुकानों में घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। शहर में दुकानों पर चल रहे घरेलू गैस सिलेंडरों को जब्त नहीं किया जा रहा है। दुकानदार खुलेआम घरेलू गैस सिलेंडर उपयोग कर रहे हैं। दुकानों,होटल पर देखें तो यहां पर घरेलू गैस सिलेंडर चल रहे हैं। शहर में 1 गैस एजेंसी संचालित है।  जिनके द्वारा सबसे ज्यादा गैस सिलेंडर वितरण किया जाता है। दुकानदारों को आसानी से घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाते हैं। जिससे दुकानदार धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग करते रहते हैं।

दुकानदार कमर्शियल की जगह घरेलू गैस सिलेंडर क्यों करते हैं उपयोग.…?
जानकारों के अनुसार कमर्शियल गैस सिलेंडर की जगह घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग बचत के लिए करते हैं। कमर्शियल गैस सिलेंडर 2100 रुपए का पड़ता है। इसमें 19 किलो गैस रहती है। जो प्रति किलो 110 रुपए लगभग की पड़ती है। इसी तरह घरेलू गैस सिलेंडर 1183 रुपए का पड़ता है। जिसमें 14.2 किलो गैस रहती है। यह प्रति किलो 84 रुपए की पड़ती है। जिससे दुकानदारों को घरेलू गैस सिलेंडर उपयोग करने में फायदा हो जाता है।

ये हैं मंत्रालय के निर्देश ……………………..
भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देश हैं कि हर दो साल में गैस उपभोक्ताओं के कनेक्शन की सुरक्षा जांच अनिवार्य रूप से एजेंसी के मैकेनिक करें। सुरक्षा जांच के लिए एजेंसी के कर्मचारियों के साथ कंपनी के दक्ष मैकेनिकों का दल घर-घर दस्तक देकर प्रक्रिया पूरी करेगा। मैकेनिक को कनेक्शन जांच करने 50 रुपए निर्धारित शुल्क उपभोक्ता से मिलेगा। इसके साथ सुरक्षा संबंधी एक प्रोफार्मा भी उपभोक्ता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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घरेलू गैस सिलेंडर उपयोग करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीम भी गठित कराएंगे। जहां पर भी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग किया जा रहा है, वहां जांच करके तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्हें नियम के तहत उपयोग कराएंगे। गैस कनेक्शनों की जांच एजेंसी को समय पर करना चाहिए। यदि कनेक्शनों की जांच नहीं होती है तो उपभोक्ता इसकी शिकायत विभाग को कर सकते हैं।….संजय पाटिल-प्रभारी खाद्य अधिकारी-झाबुआ

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