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RATLAM

शिव हनुमान मंदिर में नागपंचमी एवं सोमवार के संयोग पर शिव हनुमान मंदिर में भोलेनाथ का किया नागचन्द्रेश्वर स्वरूप  का आकर्षक श्रृंगार । नागचन्द्रेश्वर के दर्शन करने के बाद इंसान पर लगा काल सर्प दोष खत्म हो जाता है- पण्डित अभिषेक गिरी

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शिव हनुमान मंदिर में नागपंचमी एवं सोमवार के संयोग पर शिव हनुमान मंदिर में भोलेनाथ का किया नागचन्द्रेश्वर स्वरूप  का आकर्षक श्रृंगार ।

नागचन्द्रेश्वर के दर्शन करने के बाद इंसान पर लगा काल सर्प दोष खत्म हो जाता है- पण्डित अभिषेक गिरी ।

रतलाम । नगर के कस्तुरबा नगर गली नम्बर 6 में स्थित श्री शिव हनमान मंदिर में  पुरूषोत्तम मास के श्रावण सोमवार के दिन भगवान श्री  महादेव का चन्द्रनागेश्वर के स्वरूप  का आकर्षक श्रृंगार किया गया । नागपंचमी एवं सोमवार का अदभुद संयोग होने से भगवान भोलेनाथ के रूद्राभिषेक, पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान के लिये लोगों की भारी भीड उमडी , तथा महिलाओं ने बिल्वपत्र, धतुरा, पुष्पमाला, अर्पित कर तथा जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक कर भोलेनाथ के प्रति अपनी भक्ति भावना प्रकट की ।

मंदिर के महन्त पण्डित अभिषेक गिरी ने जानकारी देते हुए कहा कि सायंकाल भगवान चन्द्रनागेश्वरकी नागपंचमी के पावन पर्व पर आकर्षक झांकी एवं श्रृंगार किया गया । सायंकाल महा मंगल आरती में सैकडो की  संख्या में श्रद्धालुओं ने महामंगल आरती का लाभ लिया । भगवान नाग चन्द्रेश्वर के श्रृंगार के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि शास्त्रों के अनुसार तक्षक ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी। तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने तक्षक को सर्पों का देवता बना दिया साथ ही तक्षक को अमरत्व का वरदान दिया। इसके बाद नागराज तक्षक महादेव के साथ ही रहने लगे। लेकिन महाकाल में निवास करने से पूर्व उनकी एक मनसा थी की जब वो एकांत वास में हो तो उनको कोई विघ्न ना डालें। तभी से ये परम्परा चली आ रही है की उज्जेैन में महांकाल मंदिर स्थित भगवान चन्द्रनागेश्वर साल में बस एक दर्शन देेते है वह भी नागपंचमी के दिन। नागपंचमी के दिन ही महादेव के भक्त उनके इस अद्भुत स्वरूप के दर्शन होते है। दर्शन करने के बाद इंसान पर लगा काल सर्प दोष खत्म हो जाता है। इसी कडी में  शिव हनुमान मंदिर में भगवान नागचन्द्रेश्वर के रूप  में भगवान भोलेनाथ का श्रृगार किया गया गया । आकर्षक श्रृंगार के दर्शनों के लिये लोगों का जमावडा रहा । महामंगल आरती के बाद महाप्रसादी के रूप  में मिठाई एवं फलाहारी खिचडी का वितरण किया गया । उन्होने बताया कि श्रावण के प्रति सोमवार को मंदिर में भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है तथा इस दिन भक्तों का जमावडा भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था एवं विश्वास का प्रतिक बनता है ।

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