भारत ने रच दिया इतिहास, चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग शान से लहराया तिरंगा ।
सांसद गुमानसिंह डामोर ने इसरों वैज्ञानिकों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अंचलवासियों की ओर से दी बधाई ।
झाबुआ । बुधवार को चन्द्रयान-3 के चन्द्रमा पर सफलतम लेंडिग को लेकर क्षेत्रीय सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इसरों के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अथक परिश्रम के करने तथा देश कों विश्व के मानचित्र पर चन्द्रमा पर फतह पाने वाला सफलदश बनाने के लिये बधाईया दी हैै। श्री डामोर ने कहा कि इसरो ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 की चांद पर नियत समय पर लैंडिंग करके एक कीर्तिमान रच दिया है । इस सफलता के साथ भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। भारत का मिशन चंद्रयान सफलता के शिखर पर पहुंच चुका है। 23 अगस्त शाम 6.04 मिनट पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने रोवर सहित चांद के दामन पर पहला कदम रख लिया है। इस ऐतिहासिक पल का हर भारतवासी को बेसब्री से इंतजार था। चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर सफल लैंडिंग करते ही भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। साथ ही चांद पर अपना यान उतारने का कारनामा करने वाला दुनिया का चैथा देश भी। भारत से पहले मिशन मून को अमेरिका, रूस और चीन अंजाम दे चुके हैं। श्री डामोर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग पर इसरो चीफ एस सोमनाथ से फोन पर बात कर उन्हें बधाई दी। इससे पूरे देश का सिर गर्व से उंचा हो गया है ।
श्री डामोर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नेे कहा है कि भारत ही नहीं दुनिया को इस पल का इंतजार था। आज पूरा देश, हर भारतवासी इस पल का आनंद उठा रहा है।
श्री डामोर ने कहा कि इसरों की इस उपलब्धि के लिए इसरो और देश के हर वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। प्रधानमंत्री ने भी इसरों के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इस पल के लिए वर्षों से इस पल का इंतजार किया है। उन्होने इस भावुकता से भरे इस पल के लिए देश के 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाई दी है । हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक और कहानियां बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम भारतवासी धरती को मां और चांद को मामा बुलाते हैं। बहुत पहले कहा जाता था कि चंदा मामा दूर के हैं। लेकिन, एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा एक टूर के हैं। श्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज के दिन को देश हमेशा याद रखेगा। यह दिन हमे उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करेगा। ये दिन हमे अपने संकल्पों की याद दिलाएगा। यह दिन इस बात प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है।
श्री डामोर ने इसरों एवं देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई और भविष्य के मिशन के लिए ढेरों शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चन्द्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग हो चुकी है। पूरे देश के साथ ही हमारा अंचल भी इस उपलब्धि से काफी खुश हैं। श्री डामोर क अनुसार चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की धरती पर कदम रखकर एक नया कीर्तिमान रच दिया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि चंद्रयान दो की विफलता से सबक लेकर चंद्रयान तीन के लैंडर और रोवर में हुए बदलावों के बाद लैंडर सतह पर सुरक्षित तरीके से चंद्रयान 3 ने अपना काम पूरा किया। श्री डामोर के अनुसार इसरों वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। प्रधानमंत्री के भावनानुरूप जल्दी सूर्य पर आदित्य एल 1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है। इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में चन्द्रयान लेंड कराने वाला चैथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।
श्री डामोर ने कहा कि भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया। उन्होने कहा कि इस मिशन के जरिए भारत दुनिया को बताना चाहता है कि उसके पास चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को वहां चलाने की काबिलियत है। इससे दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ेगा जो कॉमर्शियल बिजनेस बढ़ाने में मदद करेगा। भारत ने अपने हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल से चंद्रयान को लॉन्च किया है। इस व्हीकल की काबिलियत भारत पहले ही दुनिया को दिखा चुका है।
उन्होने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी के कुशल नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा कि उनके द्वारा वैज्ञानिकों की सतत हौसला बुलंदी की जाती रही है इसके परिणाम स्वरूप ही देश आज चन्द्रयान 3 को चन्द्रमा के दक्षिणी धु्रव पर उतार कर अब नासा की तरह एक सम्पन्न वैज्ञानिक शक्ति बन चुका है। उन्होने प्रधानमंत्री एवं सभी वैज्ञानिकों को पूरे अंचल के रहवासियों की ओर बधाईया देते हुए इस कायाबी पर बधाईया दी हेै ।