पूरे मध्य प्रदेश में झाबुआ जिला सिविल डिफेंस सबसे ज्यादा अलर्ट है, हर दुर्घटना पर सबसे पहले पहुंच जाती है- डिस्ट्रीक्ट कामाडेंट शशिधर पिल्लई ।
आगामी त्यौहारों को लेकर सिविल डिफेंस की महत्वपूर्ण बैठक हुई सभी को एक जुटता से कार्य करने का किया आव्हान ।
झाबुआ । होमगार्ड सिविल डिफेंस की बैठक शनिवार 2 सितंबर को आयोजित गई जिसमें आने वाले समय में त्योहार गणेश स्थापना एवं गणेश विसर्जन नवरात्रि दिवाली त्योहारों के लिए जिला डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट शशिधर पिल्लई, प्लाटून कमांडेंट संतोष डिंडोर,ने सिविल डिफेंस की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर विचार व्यक्त किये । श्री पिल्लई ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 और संबंधित नियमों और विनियमों के तहत कार्य करते हैं। नागरिक सुरक्षा का कार्य आपातकालीन परिस्थितियों से तत्काल निपटना, जनता की रक्षा करना, आपदा से नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए सेवाओं और सुविधाओं को बहाल करना, कानून एवं व्यवस्था बनलाये रखने में पुलिस प्रशासन को सहयोग करना इत्यादि है। उन्होने आगे बताया कि नागरिक सुरक्षा में निर्णय कार्रवाइयां शामिल हैं, जैसे नागरिक आबादी और राहत कर्मियों को तैयार करना और प्रशिक्षण देना, चेतावनी प्रणाली स्थापित करना (उदाहरण के लिए, फायर अलार्म), और आपातकालीन सहायता या निकासी की तैयारी और योजना बनाना आदि महत्वपूर्ण होते है । उन्होने आगे कहा कि सिविल डिफेंस “सिविल डिफेंस एक्ट, 1968” के तहत फॉरेड किया गया है। यह आपातकालीन परिचालन के सिद्धांतों का उपयोग करता है। आपदा के लिए शमन, रोकथाम और तैयारी और आपदा के बाद राहत और राहत के लिए भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनता को खतरे के प्रति आगाह किया जाए और खतरों से बचने के निर्देश दिए जाएं। लोगों को सलाह दें कि वे या तो इलाका खाली करके अपनी सुरक्षा करें या वहीं रहकर आश्रय लें। जीवित बचे लोगों के लिए तत्काल राहत की व्यवस्था करना आदि भी कार्य सिविल डिफेंस के कर्तव्यसूची में आते है।
नागरिक सुरक्षा उद्देश्य बताते हुए प्लाटून कमांडेंट संतोष डिंडोर ने कहा कि नागरिक सुरक्षा किसी भी व्यक्ति, संपत्ति, शत्रुतापूर्ण हमलों के खिलाफ जगह और आंतरिक गड़बड़ी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए वास्तविक लड़ाई के लिए नहीं राज्य के उपायों की रक्षा करने के लिए एक प्रयास है। नागरिक सुरक्षा सेवा में एआरपी वार्डन सेवा के साथ-साथ फायरमैन (शुरुआत में सहायक अग्निशमन सेवा (एएफएस) और बाद में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा (एनएफएस)), फायर वॉचर्स (बाद में फायर गार्ड), बचाव, प्राथमिक चिकित्सा पोस्ट और स्ट्रेचर पार्टियां शामिल रही है । उन्होने आगे कहा कि नागरिकों में सुरक्षा की भावना प्रदान करने के लिए पुलिस बल नियुक्त है। पुलिस समाज में शांति और व्यवस्था की रखवाली करती है और साथ ही अपराध को रोकने और घटित अपराधों की जांच करती है। केन्द्र स्तर पर नागरिक सुरक्षा का कार्य गृह मन्त्रालय के पास होता है। इस का मुख्य अधिकारी गृह मन्त्रालय का अधिकारी ही होता है। राज्य स्तर पर सुरक्षा का दायित्व अधिकारी निदेशक नागरिक सुरक्षा के पास होता है। सुरक्षा का अधिकार का अर्थ है माल और सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं। यह अधिनियम स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में लागू है, उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य या भलाई पर एक गंभीर प्रभाव डालने वाले डोमेन हैं।
श्री पिल्लई के अनुसार मध्य प्रदेश में झाबुआ जिला सिविल डिफेंस सबसे ज्यादा अलर्ट रहती है तथा हर दुर्घटना पर सबसे पहले पहुंच जाती है तथा लोगों की जानमाल की हिफाजत के साथ ही कानून व्यवस्था बनाने में अपनी महत्ती भूमिका निभा रही है। उन्होने कहा कि आगामी त्यौहारों के अवसर पर सिविल डिफेंस की भूमिका एवं जिम्मेवारी बहुत अधिक रहेगी। ऐसे में हम सभी पूरे मनोवेग से इस कार्य के लिये तैयार है।
इस अवसर पर सिविल डिफेंस झाबुआ प्रभारी अजय रामावत, सिविल डिफेंस वालिंटियर प्रभारी दुजेंद्र व्यास, हिम्मत सिंह राठौड़, सहित पूरी टीम उपस्थित रही ।तथा सभी ने एक स्वर से अपने कर्तव्यबोध को निभाने का संकल्प व्यक्त किया । डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री पिल्लई ने सिविल डिफेंस द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की एवं निष्काम सेवा को देश की सबसे बड़ा सेवक कहा ,सिविल डिफेंस को सच्चा सेवक बताया। आने वाले समय में भी इसी प्रकार से कार्य करते रहने का आव्हान किया एवं मार्गदर्शन प्रदान किया । अजय रामावत में भी अपने विचार व्यक्त करते हुए सिविल डिफेंस को हरदम सहायता करने के लिए पूरी टीम के लिये वचनबद्ध बताया।