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RATLAM

प्रेम और सेवा साई का संदेश था, उनका संदेश सार्वभौमिक और कालातीत है और उनका जीवन दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा है- विनोद भट्ट श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा बाबा का 98 वां जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया ।

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प्रेम और सेवा साई का संदेश था, उनका संदेश सार्वभौमिक और कालातीत है और उनका जीवन दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा है- विनोद भट्ट
श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा बाबा का 98 वां जन्मोत्सव धुमधाम से मनाया ।

रतलाम । हमें श्री सत्य साईं बाबा द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए और आधुनिक जीवन की भौतिक सुख-सुविधाओं को अपने जीवन पर हावी नहीं होने देना चाहिएय सभी को भेदभाव, गरीबी, भूख से मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए। राजनेताओं सहित लोगों को ऐसे उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए। युवा पीढ़ियों को भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के बारे में जागरूक किया जाना चाहिएय सरकार की पहलों, नीतियों और कार्यक्रमों के लिए नागरिक समाज, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक और धर्मार्थ संगठनों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है। प्रेम और सेवा साई का संदेश था, उनका संदेश सार्वभौमिक और कालातीत है और उनका जीवन दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा है । उक्त विचार श्री सत्यसाई सेवा समिति रतलाम द्वारा 17 से 23 नवम्बर तक मनाये गये साई सप्ताह के अन्तिम दिन श्री सत्यसाई बाबा के 98 वे जन्मोत्सव के अवसर पर समिति के संयोजक श्री विनोद भट्ट ने व्यक्त किये । उन्होने एक कथानक के जरिये मानव की आदतों में परिवर्तन करने का जिक्र करते हुए कहा कि आज हम अपनी आदतों के गुलाम हो गये है। इन आदतों मे बदलाव आध्यात्म से ही हो सकता है ।


इस अवसर पर श्री सत्यसाई बाबा का जन्मोत्सव धुमधाम से रेल्वे कालोनी स्थित श्री सत्यसाई मंदिर में मनाया गया । सायंकाल 6 बजे से समिति में वेदपाठ के के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ तत्पश्चात बाल विकास के बच्चों द्वारा आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत गणेश वंदना की शानदार प्रस्तुति के अलावा भगवान विट्ठल पर नृत्य नाटिका,आदी गुरू शंकराचार्य के बाल्यकाल पर लघु नाटिका, शत शत नमन करें गीत पर नृत्य नाटिका आदि की प्रस्तुति ने दर्शको की दाद बटोरी । सायंकाल 7.30 बजे से सर्वधर्म नाम संकीर्तन में संगीतमय भजनो की प्रस्तुति समिति के पुरूष एवं महिला सदस्याओं ने दी ।

समिति के जिला संयोजक श्री अनिल भट्ट ने भी कहा कि युवाओं को ऊंचे लक्ष्य रखने चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए, भारतीय लोकाचार में निहित होना चाहिए लेकिन दुनिया में सर्वश्रेष्ठ से सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में मानक स्थापित करने के लिए साहस और योग्यता का संयोजन आवश्यक है।उन्होने कहा कि श्री सत्यसाई बाबा मानवता के प्रति प्रेम, करुणा, भक्ति और सेवा की विरासत छोड़ गए हैं। भारत वास्तव में श्री को पाकर धन्य है। सत्य साईं बाबा की अनगिनत व्यक्तियों और संस्थाओं में दिव्य उपस्थिति है जो निस्वार्थ भाव से साथी मनुष्यों की सेवा करते रहते हैं। श्री भट्ट ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा और गुरु नानक जैसे लोग अपने जीवन और अपनी शिक्षाओं से लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं जो आने वाले समय के लिए प्रासंगिक हैं।  प्रेम और सेवा ही बाबा का संदेश था। उनका संदेश सार्वभौमिक और कालातीत है और उनका जीवन दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा है। कार्यक्रम का सफल संचालन डा. मंगलेश्वरी जोशी ने किया ।

महामंगल आरती समिति संयोजक विनोद भटट ने उतारी तथा तत्पश्चात आशीष सोनी एवं ऋषिका मालवीय ने भी श्री सत्यसाई जन्मोत्सव पर भजन प्रस्तुत किये । इस अवसर पर बाल विकास के बच्चों को बालविकास पर आधारित निबंध प्रतियोगिता में उत्तीर्ण होने पर प्रमाण पत्र का वितरण किया गया । श्री सत्यसाई जन्मोत्सव के अवसर पर प्रातः 5 बजे नगर संकीर्त के अलावा दोपहर में महानारायण सेवा एवं मेडिकल केंप का भी आयोजन किया गया।

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