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झाबुआ

रंगारी द्वारा फर्म विशेष को कार्य देने के लिए किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पुन:प्रक्रिया को अपनाया गया…… परिवहन टेंडर में घोटाले की संभावना

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झाबुआ – मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता को खाद्य पदार्थ गेहूं ,चावल ,शक्कर , तेल सहित अन्य वस्तुएं राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण किया जाता है और इन दुकानों पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा यह खाद्य वस्तुएं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से परिवहन करके पहुंचाया जाता है और इस परिवहन के लिए विभाग द्वारा नियम अनुसार टेंडर प्रक्रिया को अपनाया जाता है और निविदा प्रक्रिया में न्यूनतम दर आने पर फर्म को कार्योदेश जारी किया जाता है ।  लेकिन धार, झाबुआ ,बडवानी, अलिराजपुर जिले में परिवहन एवं रखरखाव की निविदा होने के बाद , फर्म विशेष को आर्थिक लाभ देने के लिए प्रक्रिया को ही निरस्त किया गया और विभाग में पदस्थ विवेक रंगारी के संरक्षण में यह परिवहन और रखरखाव का ठेका फर्म विशेष को दिलाया गया ।

रंगारी द्वारा अपनी चहैती फर्म को कार्य देने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंध संचालक के साठगाठ कर पुन: प्रक्रिया अपनाई गई । साथ ही निविदा प्रक्रिया में विशेष शर्त का उल्लेख किया गया , जो जांच का विषय हैं । जबकि पूर्व.निविदा प्रक्रिया में इस तरह की किसी शर्त का उल्लेख नहीं था वही जब प्रथम बार निविदा प्रक्रिया में सांचल टायर्स की दर स्वीकृत हुई, तो विभाग के मैनेजर रंगारी ने अपनी चहैती फर्म को कार्य देने के लिए स्वीकृत दर वाली फर्म को कार्योदेश जारी नहीं किया और टालमटोल करता रहा , साथ ही साथ आचार संहिता का बहाना भी बनाया और इसी बीच फर्म विशेष द्वारा पत्र के माध्यम से निविदा प्रक्रिया में आयी न्यूनतम दर से भी कम दर पर कार्य करने की इच्छा जताई गई । जबकि एक बार निविदा होने पर, पत्र को आधार बनाकर पुनः प्रक्रिया को संभवत नहीं अपनाया जा सकता । लेकिन रंगारी और प्रबंध संचालक की सांठगांठ ने पत्र को आधार बनाकर, निगम के लिए आर्थिक हितों को बताते हुए निविदा प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया । जबकि आमंत्रित निविदा में इस तरह स्वीकृत दर , से भी कम दर पर , आए आवेदन पर निविदा को निरस्त किया जाएगा , उल्लेखित नहीं था । यदि इसी तरह शासन के अन्य विभाग भी खाद्यान्न एव नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा अपनाई गई ,इस प्रक्रिया को अपनाते हैं तो शासन को काफी लाभ हो सकता है । चर्चा चौराहा पर चल पड़ी है कि आखिर खाद एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा के अधिकारियों द्वारा किसी लाभ के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पुन: प्रक्रिया को अपनाया गया । इस तरह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा परिवहन टेंडर में घोटाले की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । कहीं यह संपूर्ण प्रक्रिया किसी बड़े घोटाले की और इशारा तो नहीं कर रही । इस प्रक्रिया से यह भी स्पष्ट हो गया हैं यदि कोई भी शासकीय विभाग अपने किसी चहैती फर्म को कार्य दिलाना चाहता है तो वह भी इस तरह की प्रक्रिया को अपना कर आर्थिक हितों को साध सकता है ।

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