आओ पता लगाए:- मिशन संचालक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) द्वारा पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विकासखंड लेखा प्रबंधक के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता को लेकर जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है…..
झाबुआ – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत मिशन संचालक द्वारा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ के जांच प्रतिवेदन में दिए गए अभिमत में पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विकासखंड लेखा प्रबंधक की वित्तीय अनियमितता होना दर्शाया गया, समय पर कार्यालय पर उपस्थित न होना, साथ-साथ कार्य के प्रति उदासीनता को लेकर, सुचारू कार्य संपादित नहीं करने पर आवश्यक कारवाई किए जाने हेतु पत्र दिया गया है । लेकिन करीब 3 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मिशन संचालक द्वारा इस और कोई कार्रवाई नहीं की गई ….जो समझ से परे है
जानकारी अनुसार तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एक 1 नवंबर 2023 को पत्र क्/ शिकायत/ 2023/ 8122 के माध्यम से मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार उचित कारवाई हेतु अभिमत दिया गया हैं । जिसमें 27 अकटूंबर के पत्र को जांच प्रतिवेदन को आधार बनाया गया । मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल पेटलाद द्वारा जारी पत्र अनुसार श्रीमती नमिता करवटें विकासखंड लेखा प्रबंधक सिविल अस्पताल पेटलावद द्वारा सुचारू कार्य संपादन नहीं करने के संबंध में चार बिंदुओं पर आवश्यक कारवाई किए जाने हेतु पत्र प्रस्तुत किया गया । इसके संबंध में इस कार्यालय के आदेश क्रमांक/ शिकायत/ 2023/ 7811 झाबुआ 19 अकटूंबर 2023 के माध्यम से प्राप्त शिकायत की जांच हेतु , जांच दल का गठन कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया । प्रकरण में जांच अधिकारी द्वारा दिनांक 27 अकटूंबर 23 को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र के साथ संलग्न में यह दर्शाया गया कि श्रीमति नमिता करवते द्वारा अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करते हुए , अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने के लिए समय पर कार्यालय में उपस्थित नही होती है । यह कृत्य इनके कार्य के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है । तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी सूचना पत्रों का प्रति उत्तर प्रस्तुत नहीं किया जाना भी अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है । साथ ही जांच दल के समक्ष चाहे गए वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने से यह प्रतीत होता है कि संबंधित कर्मचारियों द्वारा शासन की दिशा निर्देशों के विरुद्ध कार्य किया जाकर वित्तीय अनियमितता होना दर्शाता है । जांच पश्चात इस पत्र के माध्यम से श्रीमती नमिता करवते विकासखंड लेखा प्रबंधक सिविल अस्पताल पेटलावद जिला झाबुआ के विरुद्ध जांच प्रतिवेदन अनुसार उचित कार्रवाई हेतु मिशन संचालक को पत्र दिया गया । लेकिन फिर भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.. क्यों…..? प्रश्न यह है कि आखिर क्यों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक द्वारा वित्तीय अनियमिताओं को लेकर जांच प्रतिवेदन पर कारवाई नहीं की जा रही है । कही विकासखंड लेखा प्रबंधक को बचाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा । क्या मध्यप्रदेश शासन इस ओर ध्यान देकर इस तरह के कर्मचारियों पर कोई कारवाई करेगा या फिर यह कर्मचारी यूं ही मनमानी करते रहेंगे…..?
देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज
प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंच है यहाँ विभिन्न टीवी चैनेलो और समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकार अपनी प्रमुख खबरे प्रकाशन हेतु प्रेषित करते है।