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झाबुआ

संकल्प बल दृढ़ व मजबूत हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है :-साध्वी श्री उर्मिला कुमारी जी

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झाबुआ – तेरापंथ धर्म संघ के एकादशमधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री उर्मिला कुमारी जी आदि ठाणा -4 के अल्प प्रवास के बाद , विहार के पूर्व मंगल भावना कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय तेरापंथ सभा भवन पर किया गया । साथ ही मर्यादा महोत्सव पर कार्यक्रम प्रस्तुति को लेकर , शिशु संस्कार बोध परीक्षा में सहभागिता को लेकर ज्ञानशाला के बच्चों को भी उपहार भेंट किए गए ।

कार्यक्रम गुरुवार रात्रि 9:00 बजे लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित तेरापंथ सभा भवन पर साध्वी श्री उर्मिलाकुमारीजी, साध्वी श्री मृदुलयशाजी, साध्वी श्री त्रतुयशाजी , साध्वी श्री ज्ञानयशाजी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के साथ प्रारंभ हुआ । सर्वप्रथम बालिका ऐंजल का गादीया द्वारा गीत..ज्ञान की ज्योति जगाना ….जल्दी आना…… के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी । पश्चात तेरापंथ महीना मंडल की सदस्यो द्वारा नंद भाभी के रिश्तों को लेकर आपसी प्रेम व स्नेह के साथ-साथ , एक दूसरे. के प्रति समर्पण भाव को लेकर नाट्य प्रस्तुति दी गई । बालक दिव्यांश गादीया , दिव्य कोठारी द्वारा मुक्तक के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की । तत्पश्चात धर्म संघ के वरिष्ठ सुश्रावक ताराचंद गादीया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज धर्म सिर्फ धर्म स्थान तक ही सीमित रह गया है । व्यक्ति और समाज को इसे अपने जीवन में और आचरण में लाने का प्रयास करना चाहिए तथा भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का प्रयास करना चाहिए । महिला मंडल अध्यक्ष पुखराज चौधरी ने भी शब्दों के माध्यम से साध्वी श्री के प्रवास के गुणगान किए । उपासक पंकज कोठारी व विशाल कोठारी ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए । साध्वी श्री उर्मिलाकुमारी जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा …… अभ्र्यथना जिस दिन विदा होते हैं उस दिन ही होता है । जिस दिन उनका आगमन होता है तब पता नहीं होता है । लेकिन जब जाते हैं तब उनके सद्गुण और आचरण का पता चलता है । एक व्यक्ति सभा में उपस्थित हुआ, जो सूट बूट पहनकर आया था । उसे उपस्थित सभा ने अभिवादन किया । वहीं जब दूसरा व्यक्ति साधारण कपड़ों में आया, तो सभा ने उसका स्वागत नहीं किया और कुछ नहीं कहा । जब पहला व्यक्ति सभा समाप्ति के पश्चात जाने लगा तो सभा ने कुछ भी नहीं किया । वहीं जब साधारण व्यक्ति जाने लगा तो पूरी सभा खड़ी होकर उसको पहुंचाने के लिए सम्मान मे खड़ी हो गई थी । कहां गया है कि जिसका मूल्यांकन करना है तो सभा को देखकर जान सकते हैं कि वह क्यों आए । सभा में उपस्थित जनता को यह समझ में नहीं आया कि पहले व्यक्ति के सभा में आने पर स्वागत किया गया और जाने पर कुछ भी नहीं । वही दूसरे व्यक्ति के आने पर स्वागत नहीं किया गया । लेकिन उनके जाने पर सभा खड़ी हो गई । कहने का तात्पर्य है कि पहले व्यक्ति का स्वागत किया गया.. कपड़ों का । जबकि साधारण व्यक्ति जब जा रहा था तो उसका स्वागत किया गया उसके सद्गुणों और आचरण का । वास्तव में आते वक्त औपचारिकता होती है लेकिन जाते वक्त मंगल भावना होती है । साध्वी श्री ने यह भी बताया कि ऐसा संकल्प करो जिस संकल्प को कोई हिला ना सके । यदि इस दुनिया में सबसे बड़ा क्या है किसी ने कहा लोहा, तो किसी ने कहा चट्टान बड़ी है चट्टान को ही लोहे का शस्त्र तोड़ सकता है । वही लोहे को भी आग पिघला देती है । आंख को पानी बुझ सकती है । इस तरह अंत में आया की सबसे बड़ा ताकतवर संकल्प का बल होता है । जब संकल्प का बल मजबूत होता है तो उसे ना तो हवा उड़ा सकती है ना आग पिघला सकती है और नहीं पानी बुझा सकती है । इसलिए संकल्प का बल मजबूत रखें । मजबूत संकल्प बल से हर काम संभव हो सकता है । संकल्प बल अगर कमजोर होता है तो छोटी-छोटी समस्याएं बड़ी बन जाती है । संकल्प बल मजबूत हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है । साध्वी मृदूलयशा जी ने भी धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा बहन बेटियां घर पर आती है तो उन्हें खाली हाथ नहीं भेजा जाता । कुछ ना कुछ उपहार जरूर दिया जाता है । वही हम भी आपके झाबुआ प्रवास पर आए हैं तो भेंट स्वरूप आप हमें एकासन, उपवास, आयंबिल आदि तप उपहार स्वरूप भेंट करें ।

ज्ञानशाला के बच्चों ने गीतीका की प्रस्तुति दी ।

कार्यक्रम में ज्ञानशाला के नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी गीतिका के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रस्तुत की । तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष प्रमोद कोठारी ने भी गीतिका प्रस्तुत की । कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष कैलाश श्रीमाल, पीयूष गादीया , आशीष श्रीमाल, शर्मिला कोठारी आदि अनेक समाज जनों ने अपने विचार व्यक्त किए । अंत में तेरापंथ ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका दीपा गादीया, हंसा गादीया , रानी कोठारी द्वारा मर्यादा महोत्सव पर कार्यक्रम आयोजन व शिशु संस्कार बोध परीक्षा में सहभागिता को लेकर ज्ञानशाला के नन्हे मुन्ने बच्चों को उपहार भेंट किए । कार्यक्रम का सफल संचालन युवक परिषद सचिव वैभव कोठारी ने किया व आभार तेरापंथ सभा सचिव दीपक चौधरी ने माना ।

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