सत्य की साधना से बढ कर कोई भी साधना नही होती है, किसी के प्रति भी ऐसा व्यवहार नही किया जावे जो हमे अपने लिये पसंद नही है- गादीपति ठा. प्रतापसिंह ।
गंगाखेडी में मां नागणेचा के दरबार में चण्डी महायज्ञ का हुआ आयोजन, भंडारे का हुआ आयोजन, श्रद्धालुओं ने गादी के माध्यम से कल्लाजी के आशीर्वाद प्राप्त किये ।
झाबुआ । करवड के निकट श्री गंगाखेडी स्थित मां नागणेचा के चमत्कारिक मंदिर एवं शेखावतार श्री कल्लाजी महाराज के दीव्य चमत्कारिक स्थान पर चैत्र नवरात्री के अन्तिम दिन पूरा दिन आध्यात्म, भक्ति एवं श्रद्धालुओं की आस्था से लबरेज नजर आया । प्रातःकाल से ही यहां श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों ने माता के दरबार में आकर मां नागणेचा को शिश नमाकर उनके आशीर्वाद प्राप्त किये । श्री कल्लाजी धाम के के पी सिंह घुघरी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रातःकालीन मां का विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथस्थापित माता भगवती का पूजन अभिषेक ठा. प्रतापसिंह राठौर गादीपति द्वारा किया गया । प्रातः 10 बजे से माता के दरबार में श्री चण्डी महायज्ञ किया गया किया गया जिसमें विद्वत्वविप्रजनों ने मंत्रोच्चार के साथ हवन में आहूतियां अर्पित की । करीब दो घण्टे से अधिक समय तक चले श्री चण्डी महायज्ञ में दूर दूर से आये श्रद्धालुजनों ने भी आहूतिया अर्पित की ।
दोपहर 12 बजे से माता के दरबार में विशाल भंडारा प्रसादी का आयोजन किया जिसमें करीब 2 हजार से अधिक दूर दूर आये श्रद्धालुजनों ने भंडारी प्रसादी का लाभ लिया । भंडारा दोपहर 4 बजे तक चला । इस अवसर पर शेषावतार श्री कल्लाजी महाराज ने गादीपति ठा. प्रतापसिंह राठौर के माध्यम से गादी दर्शन के लिये आये सैकडो की संख्या में श्रद्धालुजनों एवं भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान किये । इसके पूर्व वीर श्रेष्ठ श्री कल्लाजी राठौर की विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद कल्लाजी एवं मां नागणेचा की महाआरती सम्पन्न हुई जिसमें पूरा मंदिर परिसर जय कारों से गुंज उठा ।
आरती के पश्चात कल्लाजी महाराज की चमत्कारिक गादी का आयोजन किया गया जिसमें सैकेडो की संख्या में दूर दूर से आये श्रद्धालुओं ने कल्लाजी महाराज से अपनी समस्याओं का निदान करवाया । इस अवसर पर गादीपति ठा. प्रतापसिंह राठौर के माध्यम से कल्लाजी ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि सत्य की साधना से बढ कर कोई भी साधना नही होती है, किसी के प्रति भी ऐसा व्यवहार नही किया जावे जो हमे अपने लिये पसंद नही है। हर व्यक्ति हर जीव में परमात्मा का अंश होता है और जीव सेवा ही शिव सेवा के तुल्य होती है ।
अपने आराध्य के प्रति पूरी श्रद्धा एवं विश्वास रखेगें तो निश्चित ही हर व्यक्ति में सकारात्मक सोच बढेगी और परमात्मा का अनुग्रह प्राप्त होगा । श्री कल्लाजी महाराज ने गादी के माध्यम से आगे कहा कि दैहिद, देविक एवं भौेतिक समस्याओं का शमन अपने आराध्य के प्रति पूरी आस्था एवं श्रद्धा रखने से होता है । कल्लाजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को कहा कि मानव जीवन दुर्लभ है और इसमे जितने परोपकार के कार्य करेगें उतनी ही आत्मीय सन्तुष्टी प्राप्त होगी । सायंकाल तक गादी के माध्यम से कल्लाजी महाराज ने दूर दूर से आये लोगों की समस्याओं को सुना एवं उन्हे आशीर्वाद प्रदान कर उनकी परेशानियों एवं दुखों का निवारण किया ।
इस अवसर पर गादी के माध्यम से कल्लाजी महाराज ने ठा. प्रतापसिंह राठौर के माध्यम से नवरात्रोंत्सव पर श्रद्धालुजनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन है और इस दिन मां भगवती की 9 वीं शक्ति मां सिद्धिदात्री देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं । माता सिद्धिदात्री की पूजा देव, दानव, ऋषि-मुनि, यक्ष, साधक, किन्नर और गृहस्थ आश्रम में जीवनयापन करने वाले भक्त करते हैं। मां पर श्रद्धा रखने से बल, यश और धन की प्राप्ति होती है।
उन्होने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में माता के इस स्वरूप को सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाला माना गया है। प्राचीन शास्त्रों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व नामक आठ सिद्धियां बताई गई हैं। ये आठों सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की पूजा और कृपा से प्राप्त की जा सकती हैं।
इस अवसर पर ठा. मांधतासिंह डाबडी, राजेश गौड, इन्दौर, अवधेश प्रतापसिंह कालासुरा, केपी सिंह घुघरी, ठा. हनुमंतसिंह , ओमप्रकाश पाटीदार, भगतसिंह इडवा, कैलाश भूरिया झाबुआ, राजेश पाटीदार, कैलाशजी उर्फ बद्रीलाल सोनी उज्जैन, नटवरसिंह राणावत मोहनपुरा, राजेशसिंह गौड इन्दौर आदि का सतत सहयोग प्राप्त हआ ।