झाबुआ

कागजों में हेराफेरी तुम करो….. और जिम्मेदार अखबार वाले

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कागजों में हेराफेरी कर भ्रष्टाचार का खेल इन दिनों जोरों पर चल रहा है… सालों से एक ही स्थान पर पदस्थ एक बाबू और बच्चों के मुंह से निवाला छिन्ने वाली उसकी पत्नी सालों से सरकारी विभाग और स्कूलों को चुना लगाते आ रहे है। इस हेराफेरी में इन्होने खुब माल कमाया। तभी तो पद से हटाने पर बाबू अब शिकायते करने लगा है।
कागजों में कितनी भी हेराफेरी कर लो एक दिन इन काले कारनामों को खुलासा होना ही है। ऐसे में झाबुआ में पदस्थ एक भ्रष्ट बाबु और उसकी पत्नि सालों से कागजों में हेराफेरी कर शासन को चुना लगाते आ रहे है। हाल ही में कोरोना महामारी में शासन द्वारा करोडों रूपयों का आवंटन किया गया | जिसमें बाबू ने कागजों में जमकर हेराफेरी की हेराफेरी भी ऐसी की अपने परिजन को छोड कोई इलेक्ट्रिक संस्थान वाले के नाम पर फर्जी बिल निकाल डालें। काला कारनामें तो काले होते ही। इस भ्रष्टाचार की बात नगर में आग की तरह फैल गई। ऐसे में इनके सभी काले कारनामें उजागर होने लगे। बाबू की पत्नि ने भी जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जब बात अखबारों में आ गई तो ये फडफडाने लगे। पद जाने के डर से अखबार संचालकों की शिकायते करने लगे।
ऐसे ही कर देगा कोई शिकायत…….
यदि नियम अनुसार आपदा प्रबंधन समिति द्वारा आमंत्रित निविदाओं में प्रमुख की जांच की जाए शासकीय कर्मचारी नाजिर के बेटे की फार्म जाट पड़ताल की जाए तो जो दरे कर्मचारी के बेटे ने दी है वह बाजार मूल्य से संभवत 25 से 200% अधिक है वही नियमानुसार और हमारी जानकारी अनुसार संभवत: कोई भी शासकीय कर्मचारी या उसके परिवार का सदस्य किसी भी तरह की सरकारी निविदा मैं हिस्सा नहीं ले सकता है आने वाले अंक में हम आपको मध्यप्रदेश शासन

 

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