झाबुआ – झाबुआ जिले में ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव की मनमानी और अनियमितता की खबरें रोजाना प्राप्त हो रही है लेकिन फिर भी पंचायत सचिव मनमानी करने से जरा भी नहीं डर रहे हैं कुछ ऐसा ही ग्राम पंचायत उमरीया बजंत्री के सचिव द्वारा फर्म विशेष के बिलों का भुगतान लगातार किया जा रहा है और बाजार भाव से अधिक दामों में सामग्री खरीदी कर भुगतान कर , संभवत: आर्थिक लाभ लिया जा रहा है |
झाबुआ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया वजंत्री के सचिव द्वारा मनमानी पूर्वक फर्म विशेष के बिलों का भुगतान किया जा रहा है जिसका ताजा उदाहरण है कि जो पाइप सिद्धि विनायक इंडस्ट्रीज से ₹ 7000 प्रति नंग खरीदे गए | वही फर्म विशेष मे. नम्रता ट्रेडर्स से ₹9000 प्रति नग में पाइप खरीदी की गई | जानकारी लेने पर पता चला कि उस समय बाजार भाव भी ₹7000 प्रति नग ही था | कुल 9 पाईप की खरीदी की गई | प्रति पाइप 2000 रू प्रति पाइप पर अधिक भुगतान किया गया | इस हिसाब से से करीब 18 हजार रुपए का शासन को चुना लगाया गया |
इसके अलावा सचिव काे इस फर्म से इतना अधिक लगाव है कि इस बिल में सामग्री की राशि 93000 दर्शाई गई है और उसका कुल योग 178000 दर्शाया गया है तो सचिव ने बिना कुछ जांच पड़ताल किए , संभवत ₹178000 का भुगतान इस फर्म के संचालक को किया | इसके और एक विशेषता है की ग्राम पंचायत उमरिया बजंत्री का वार्षिक बजट का 50% सामग्री खरीदी पर , विशेष फर्म से की जा रही है और भुगतान भी किया जा रहा है क्या कारण है जबकि सचिव द्वारा फर्म से बाजार मूल्य से अधिक दामों पर खरीदी की जा रही है और संभवत भुगतान भी किया जा रहा है | सबसे बड़ी विचारनीय बात यह है कि जब फर्म द्वारा बिल दिए जा रहे हैं तो भुगतान भी फर्म के खाते में किया जाना चाहिए , जो कि संभवतः संचालक के बचत खाते में भुगतान किया जा रहा है क्या फर्म का किसी भी बैंक में करंट अकाउंट नहीं है |
ऊपर दिए गए बिल पर यदि आप गौर करें तो पता चलता है कि सचिव का इस फर्म से कितना लगाव है जो मिक्सर मशीन का किराया संभवत ₹1000 प्रतिदिन के हिसाब से लिया जाता है वही सचिव द्वारा इस फर्म विशेष से ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया गया |यदि हम बात करें वाइब्रेशन मशीन की तो इस फर्म द्वारा ₹2000 प्रतिदिन के हिसाब से ₹20000 का वाइब्रेशन मशीन का भुगतान किया गया है जबकि संभवत बाजार में 30 से ₹35000 में नई वाइब्रेशन मशीन उपलब्ध हो जाती है | सचिव द्वारा इमानदारी पूर्वक कार्य किया जाता तो बिल की आधी राशि में ही भुगतान हो जाता , याने की 20 हजार के आसपास | इसके अलावा ग्राम पंचायत सचिव द्वारा रेत गिट्टी व अन्य सामग्री भी इस विशेष फर्म से बाजार भाव से अधिक दामों में खरीदी की जा रही है | सचिव की इस कार्यप्रणाली और मनमानी से ऐसा लगता है कि मानव सचिव ने इस पर्व को गोद ले रखा है तभी तो सभी सामग्री बाजार दामों से अधिक दामों में फर्म विशेष से खरीदी की जा रहे हैं | नीचे दर्शाए गए सभी भुगतान Hatesingh के नाम से नजर आ रहे हैं जिसके एवज मे.नम्रता ट्रेडर्स के बील सचिव धारा लगाए गए हैं | शासन प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के सचिव की कार्यप्रणाली की जांच पड़ताल की जाए , सामग्री खरीदी और भुगतान की जांच की जाए तथा अनियमितता पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए , ताकि सचिव किसी फर्म विशेष को आर्थिक लाभ ना पहुंचा सके और लाभ में हिस्सा न ले सकें |