झाबुआ

नपा सीएमओ शहर मे अतिक्रमण और अवैध बैसमेंट निर्माण की शिकायतों को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहे हैं…………..

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नपा दारा अवैध बेसमेंट निर्माण की शिकायत के आधार पर आंशिक आर्थिक दंड लगाकर मौखिक रूप से परमिशन दी जा रही है जो कि नियमों के विपरीत है……… अवैध बेसमेंट निर्माण कर रहे मकान मालिकों का खुलेआम नगर पालिका को कार्रवाई के लिए चुनौती……..

झाबुआ – शहर में नगर पालिका सीएमओ की हठधर्मिता और शिकायतों को लेकर कार्रवाई न होना , उनकी गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली को दर्शाता है शिकायत चाहे सफाई काे लेकर हाे, चाहे अतिक्रमण को लेकर हो , चाहे अवैध बेसमेंट निर्माण को लेकर ,चाहे आवास योजना के तहत हितग्राहियों की समस्याओं को लेकर, लेकिन नगर पालिका सीएमओ की उदासीनता से आज भी कई शहरवासी परेशान है लेकिन फिर भी सीएमओ के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है

झाबुआ शहर में कोरोना वायरस के साथ-साथ अतिक्रमण का वायरस भी शहर में तेजी से अपने पैर पसार रहा है शहर के विभिन्न चौराहों पर रोजाना नई-नई गुमटिया लगना तथा शहर की पॉश कालोनियों में कभी प्लाट से अधिक जगह पर मकान निर्माण करना , तो कभी सरकारी सडक पर ओटला निर्माण करना अतिक्रमण को दर्शाता है जिसके कारण शहरवासियों और कॉलोनी वासियों को तकलीफाे और दिक्कताे का सामना करना पड़ता है |जिसको लेकर कई बार मौखिक और लिखित शिकायत भी सीएमओ को की गई |इसके अलावा शहर के एक बुद्धिजीवी वर्ग ने नगर के विभिन्न वार्डों में अवैध बेसमेंट निर्माण को लेकर मौखिक रूप से दर्जनों बार शिकायत की, तथा लिखित रूप से भी कई बार नगर पालिका सीएमओ को शिकायत की | हर बार सीएमओ का आश्वासन , कि सब इंजीनियर को जांच के लिए भेजता हूं और सब इंजीनियर द्वारा जांच में किसी भी तरह का अवैध बैसमेंट निर्माण न होना दर्शाना, जबकि शहर मे खुलेआम अवैध बेसमेंट निर्माण होना, और जांच में कुछ भी ना दर्शना सब इंजीनियर की कार्यप्रणाली को दर्शाता है | बाजारों में यह जनचर्चा का विषय चल पड़ा है कि जब अवैध बेसमेंट निर्माण कर रहे मकान मालिकाे द्वारा खुलेआम यह कहना , कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता , सबको टोकन दिया गया है | कोई भी किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेगा | क्या अवैध बेसमेंट निर्माण कर रहे मकान मालिक नगर पालिका को कार्रवाई के लिए चुनौती दे रहे हैं ….कया नगर पालिका प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा …..?

जबकि शासकीय नियम अनुसार बेसमेंट निर्माण की परमिशन नगर पालिका झाबुआ द्वारा प्रदान नहीं की जाती है फिर भी खुलेआम यह अवैध निर्माण शहर भर में हो रहे हैं | यह जरूर है की नगर पालिका द्वारा अवैध बेसमेंट निर्माण की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए आंशिक ,आर्थिक दंड लगाकर इन अवैध बेसमेंट निर्माण करने वालों को चेतावनी दी या फिर आंशिक दंड लगाकर इन्हें अवैध बेसमेंट निर्माण की परमिशन दी….. यह समझ से परे हैं ……? जबकि नियम अनुसार यदि जांच में अवैध बेसमेंट निर्माण पाया गया , तो दंडात्मक कार्रवाई के बाद अवैध बैसमेंट निर्माण को बंद किया जाना था और चेतावनी भी दी जाना चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ… क्यों ..? अब प्रश्न यह है की नगर पालिका सीएमओ शहर भर में मौखिक रूप से अवैध निर्माण की परमिशन किसके कहने पर दे रहे हैं क्योंकि शहर के विभिन्न कालाेनियाे में खुलेआम यह निर्माण हो रहे हैं फिर भी किसी भी तरह की कार्रवाई ना होना उनकी सहमति को दर्शाता है जो कि नियमानुसार गलत है……| आखिर सब इंजीनियर किसके कहने पर अवैध बेसमेंट निर्माण की गलत जानकारी देकर सीएमओ तथा शहर वासियों को भ्रमित कर रहे हैं क्या किसी आर्थिक लालच के कारण या फिर किसी दबाव के कारण यह संपूर्ण जांच का विषय है | इस तरह की शिकायतों पर किसी भी तरह की कार्रवाई न होने के कारण, नगर पालिका परिषद की छवि भी धूमिल होती है और जनता में एक गलत संदेश जाता है की शिकायतों के आधार पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है |

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