झाबुआ

ग्राम पंचायत माछलिया में भारी अनियमितताएं को लेकर ग्रामीणों ने की शिकायत

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झाबुआ – केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाखों की राशि आबंटित की जाती है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वागीण विकास हो सके ग्रामीण क्षेत्र में मूलभूत सुविधाए जेसे सड़क ,पानी आदि की उपलब्धता हो सके । लेकिन ग्राम पंचायत माछलिया में सरपंच – सचिव की मनमानी के कारण विकास कार्यों के नाम पर राशि तो आहरित की जा रही है लेकिन विकास सिर्फ सरपंच सचिव का हो रहा है । सचिव सरपंच दारा लाखों के फर्जी बिल का भुगतान किया जा रहा है और पंचायत में विकास के नाम को लेकर कागजी खानापूर्ति हो रही है इसे लेकर एक शिकायती आवेदन भी विगत दिनों ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय में दिया गया ।

झाबुआ जिला मुख्यालय से.करीब 25 किलोमीटर की दूरी , जनपद पंचायत रामा अंतर्गत ग्राम पंचायत माछलिया में सरपंच- सचिव द्वारा फर्जी बिल का भुगतान किया गया । फर्जी बिल याने फर्म का जीएसटी नंबर नहीं है साथ ही फर्म के करंट अकाउंट में भुगतान न करते हुए किसी अन्य सेविंग खाते में भुगतान किया जा रहा है । ऊपर दिए गए बिल में ना तो जीएसटी नंबर नजर नहीं. आ रहा है और पंचायत के मंत्री द्वारा बिल भुगतान की इतनी जल्दी थी कि इसका कुल योग इस बिल में नजर नहीं आ रहा है ना ही फर्म के मालिक ने इस पर हस्ताक्षर किए हुए हैं बील ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं सचिव द्वारा ही कंप्यूटर से निकाल कर भुगतान हेतु प्रेषित किया है । और इस बिल के भुगतान भी किसी हरि सिंह परमार के नाम से किया है जबकि नियम अनुसार फर्म के नाम पर भुगतान किया जाना चाहिए । सरपंच -सचिव की मनमानी का आलम यह है इस तरह के सामग्री खरीदी का फर्जी बिल का लाखों का भुगतान किया गया ।जो कि नियमानुसार गलत है । ग्रामीणों ने इसके अलावा ग्राम पंचायत में फर्जी बिलों के भुगतान को लेकर भी एक शिकायत जिला कलेक्टर कार्यालय में दी है इसके अलावा ग्रामीणों ने पानी परिवहन के नाम पर ₹75000 के भुगतान पर भी आपत्ति दर्ज कराई है और तो और सार्वजनिक शौचालय निर्माण में भी सरपंच सचिव द्वारा भ्रष्टाचार गया है ऐसा ग्रामीणों का आरोप है जिले की रामा तेहसिल की ग्राम पंचायत माछलिया मे भारी अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर झाबुआ को जाँच हेतु आवेदन दिया , जिसमे ग्रामीणों ने माँग की है की

1 विभिन्न फलियों के चबूतरा निर्माण मे अनियमितता (80 हजार रुपये के बिल की जाँच)
2 पानी परिवहन के बिल 75 हजार की जाँच
4 स्टेशनरी व फोटो कॉपी के फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित
5 पेयजल योजना और कपिल धारा के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान नही कराया l
6 सी एम आवास योजना की मजदूरी का भुगतान नही कराया l

  1. सामुदायिक शौचालय निर्माण एन एल बी. माछलिया (336000 रुपये के बिल, 52500 के बिल)
    अब देखना है भृष्टाचार का अड्डा बनी पंचायत की जाँच के नाम पर लीपापोती होती हैं या संबंधितों के खिलाफ कोई कार्यवाही ।
  2. क्या शासन-प्रशासन इस और ध्यान देकर ग्राम पंचायत माछलिया में हो रहे अनियमितताओं की जांच करेगा और ग्रामीणों ने विभिन्न बिंदुओं पर हो रहे भ्रष्टाचार के दिए गए आवेदन पर भी कोई कार्रवाई करेगा या फिर या सरपंच सचिव यूं ही मनमानी कर शासन की राशि को चुना लगाते रहेगे ।

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