झाबुआ

ग्राम पंचायत माछलिया में बिल किसी फर्म का, भुगतान किसी और खाते में..।।।

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झाबुआ – जनपद पंचायत रामा अंतर्गत ग्राम पंचायत माछलिया में सरपंच – सचिव की मनमानी के कारण विकास कार्यों के नाम पर राशि तो आहरित की जा रही है लेकिन विकास सिर्फ सरपंच  सचिव का हो रहा है ।   सचिव  सरपंच दारा लाखों  के फर्जी बिल का भुगतान किया जा रहा है और पंचायत में विकास के नाम को लेकर कागजी खानापूर्ति हो रही है इसे लेकर एक शिकायती आवेदन भी विगत दिनों  ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर कार्यालय में दिया गया ।

जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत रामा अंतर्गत ग्राम पंचायत माछलिया, सरपंच सचिव दारा निर्मल भारत /स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु फर्म बालाजी ट्रेडर्स रुपए से रु 31500 की सामग्री खरीदी गई । पंचायत दर्पण पोर्टल पर बिल 31500 के एवज मे ₹108000 का भुगतान हरि सिंह परमार को किया गया । नियमानुसार जिस फर्म से खरीदी की गई ,उसी को भुगतान किया जाना चाहिए। लेकिन ग्राम पंचायत माछलिया में सरपंच सचिव की मनमानी का आलम यह है कि बील किसी फर्म का और भुगतान किसी हरि सिंह परमार को किया गया।… क्यों ..?और तो और भुगतान में जो बिल दर्शाया गया है वह मात्र ₹31500 का है और भुगतान ₹108000 का क र दिया गया । ऐसा ही एक बिल ग्राम पंचायत छापरी रणवास में शौचालय निर्माण में श्री बालाजी कंस्ट्रक्शन का भुगतान हेतु दर्शाया गया, जिसमें पंचायत छापरी रणवास द्वारा नियमानुसार भुगतान फर्म को ही किया । लेकिन पंचायत माछलियां में बिल किसी और का और भुगतान किसी और को ।

ऐसा ही एक और बिल जिसमें फर्म श्रीराज ट्रेडर्स रामा से निर्माण सामग्री खरीदी गई । वह भी बिना रजिस्टर्ड फर्म ,.याने बिना जीएसटी नंबर के ,यहां पर भी पंचायत द्वारा भुगतान हरि सिंह परमार को किया गया । क्या कारण है कि ग्राम पंचायत माछलियां के सचिव द्वारा बिलों के भुगतान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है सिर्फ भुगतान किया जा रहा है ..। क्या कारण है कि पंचायत में पदस्थ उपयंत्री द्वारा भी रजिस्टर्ड फर्म के बिलो को ही भुगतान हेतु प्रेषित किया जाना चाहिए ,लेकिन उपयंत्री की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली से यह संभव है । जनपद पंचायत रामा सीईओ के संरक्षण में लगातार फर्जी बिलों का भुगतान रामा ब्लॉक में हो रहा है लेकिन जिम्मेदार का इस ओर ध्यान ही नहीं है । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर ग्राम पंचायत में हो रहे फर्जी बिलों के भुगतान की ओर कोई ध्यान देगा या फिर यह पंचायत के जिम्मेदार यूं ही भुगतान करते रहेंगे ।

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