झाबुआ- एक तरफ तो इस कोरोना महामारी में जहां स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरस,नर्सेस और अन्य स्टाफ द्वारा कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर लोगों को इस महामारी से बचाने में अथक प्रयास किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के डायलिसिस वार्ड के टेक्नीशियन हरेंद्र यादव द्वारा मानवता को शर्मसार करते हुए डायलिसिस मरीजों से अमानवीय करते हुए, शिकायत की बात पर उन्हें वेटिंग लिस्ट में डालने की बात कहकर धमकाता है और इस तरह टेक्नीशियन की गेर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली को लेकर ग्राहक पंचायत ने एक ज्ञापन जिला प्रशासन ,पुलिस प्रशासन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपकर कार्रवाई हेतु निवेदन किया ।
मानव अधिकार आयोग एवं ग्राहक पंचायत झाबुआ द्वारा जिला चिकित्सालय के डायलिसिस वार्ड में चल रही अनियमितताओ, लापरवाही एवं टेक्नीशियन हरेंद्र यादव द्वारा किए जा रहे अमानवीय व्यवहार के संबंध में कलेक्टर समेत पुलिस अधीक्षक झाबुआ एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी झाबुआ को ग्राहक पंचायत ने ज्ञापन सौंपा । अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत मालवा प्रांत के हिमांशु त्रिवेदी, उपाध्यक्ष मनोज अरोरा, सचिव मनोज पंचाल ने ज्ञापन में मांग की गई कि टेक्निशीयन यादव का व्यवहार मरीजों के साथ सही नहीं है और शिकायत करने की बात पर उपचारत मरीजों का डायलिसिस न करने व उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल देने का भय दिखाकर धमकाया जाता है। उपचाररत मरीजों के परिजनों का कहना है कि 4 घंटे में होने वाले डायलिसिस को उक्त टेक्निशीयन 3 घंटे में ही कर देता है और जिससे मरीजों को गंभीर साइड इफेक्ट होना तय है। वहीं कुछ मरीजों के परिजनों से टेक्निशीयन 500 रुपए की मांग भी की जाती रही है। वहीं टेक्निशीयन स्टोर में इंजेक्शन का स्टाक होने के बावजूद भी पिछले आठ माह से इंजेक्शन नहीं लगाया गया है। वहीं डायलिसिस के लिए जो मोटर लगाई जाती है वह मरीजों के परिजनों से टेक्निशीयन ठीक करवाता है, जिससे परिजन काफी परेशान है। इसके अलावा वजन करने वाली मशीन भी पेशेंट के उपयोग से खरीदी गई है मशीन बंद होने पर कई बार एक माह से भी अधिक समय मैं दुरुस्त हुई है । डायलिसिस मशीन में लगने वाला केमिकल भी कई बार मरीज को लाना पड़ता है । इस तरह टेक्नीशियन की कार्यप्रणाली से डायलिसिस वार्ड में उपचारित मरीज परेशान हैं क्या शासन-प्रशासन टेक्नीशियन हरेंद्र यादव पर गैर जिम्मेदार कार्यप्रणाली को लेकर ,साथ ही साथ मरीजों को धमकाने को लेकर कोई कार्यवाही करेगा या फिर यह टेक्नीशियन यूं ही अपनी मनमर्जी करता रहेगा और मरीजों की जान से खिलवाड़ करता रहेगा ।