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छात्राओं द्वारा ’पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रकृति भ्रमण किया

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धार, 22 जनवरी 2025/
शासकीय कन्या महाविद्यालय धार के द्वारा मंगलवार को आयोजित एक दिवसीय प्रकृति भ्रमण कार्यक्रम सलकनपुर स्थित गंगा महादेव के प्राकृतिक प्राचीन तीर्थ स्थल, तिरला स्थित उद्यानिकी विभाग नर्सरी एवं आद्र भूमि देवी जी जलाशय स्थित क्षेत्र का भ्रमण किया गया। यह प्रकृति भ्रमण पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय नई दिल्ली तथा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन ऐपको भोपाल के निर्देशानुसार पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं में पर्यावरण हितैषी जीवन शैली अपने के लिए प्रकृति से जुड़ाव रखने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील फड़के के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में किया गया। जिसके अंतर्गत शासकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं एवं डॉ. रेखा सावले, डॉ सव सिंह चौहान,  जयंत परमार, नितेश मकवाना द्वारा सर्वप्रथम देवी जी तालाब का भ्रमण कराया गया। इको क्लब प्रभारी डॉ. सुनीता मुजाल्दे द्वारा  तालाब में पाई जाने वाली  पादपो के विषय में समझाया गया। साा ही तालाबों की सुरक्षा के लिए सभी को साथ में मिलकर कार्य करना होगा पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई। उद्यानिकी विभाग की नर्सरी मैं रिसोर्स पर्सन आरएस चौहान द्वारा छात्राओं को फलों के प्रकीर्णन में पक्षियों के महत्व को बताया एवं ग्राफ्टिंग किस प्रकार की जाती है इस तकनीक को विस्तार पूर्वक समझाया। इसी प्रकार नर्सरी का भ्रमण कराया। इसके बाद गंगा महादेव स्थित तीर्थ स्थल के आसपास पाई जाने वाली पादपों एवं पक्षियों की जानकारी छात्राओं द्वारा प्राप्त की गई एवं प्राकृतिक वातावरण में मंदिर गुफा पानी के कुंड का अवलोकन किया गया। डॉ सावले द्वारा छात्राओं को बताया गया कि प्रकृति के समीप रहने पर हमें मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। पक्षियों के कलरव एवं प्राकृतिक सौंदर्य को समीप से महसूस करना चाहिए, प्रकृति हमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, इसीलिए हमें भी इनका संरक्षण करने में अपना योगदान देना चाहिएा। डॉ. चौहान द्वारा सभी छात्राओं को सभी प्राकृतिक जगह पर अनुशासित एवं स्वच्छता बनाए रखने की प्रेरणा दी गई। इस प्राकृतिक भ्रमण में ग्रुप लिडर बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा प्रचेता जोशी, द्वितीय वर्ष की छात्रा सरस्वती कटारे, प्रथम वर्ष की छात्रा पाविनी तोमर का सराहनीय योगदान रहा एवं छात्राओं ने उक्त शिविर का आनंद लिया और प्रकृति से जुड़े व महसूस किया।

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