झाबुआ – भारतवर्ष में कुंभ मेले का आयोजन एक आदिकाल से चली आ रही संस्कृति है। कुंभ मेले के आयोजन की अपनी एक अलग ही पहचान है। ऐसा माना जाता है कि जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तब समुद्र मंथन से अमृत की प्राप्ति हुई। कहा जाता है कि उसी अमृत की बूंदें पृथ्वी के चार स्थानों में गिरी जो, नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार हैं l तब से ही यहां कुंभ मेले का आयोजन प्रारम्भ हुआ । कुम्भ मेलाप्रयाग में प्रति 12 वर्ष बाद लगने वाला कुम्भ मेला है जिसमें लाखों हिन्दू एकत्रित होकर गंगा,यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करते हैं । इसी कड़ी मे अभिभाषक संघ झाबुआ के सदस्य एडवोकेट मुकेश बैरागी, पवन शर्मा, योगेश जोशी, मनीष कानूनगो, दिलीप मालवीय और वरिष्ठ अधिवक्ता शरदचंद्र शुक्ला प्रयाग राज महाकुंभ में पावन स्नान करने हेतु गुरुवार दोपहर को रवाना हुए । उक्त यात्रा के दौरान चित्रकूट, अयोध्या धाम के दर्शन भी करेंगे । अभिभाषक संघ झाबुआ की और से उन्हें पुष्पमाला पहनाकर विदाई दी गई और यात्रा के लिए मंगलकामनाएं प्रेषित की । अभिभाषक संघ की ओर से अध्यक्ष दीपक भण्डारी, सौरभ सक्सेना, बी. एल सोनी, उत्तम जैन, वीरेंद्र मोदी,स्वप्निल सक्सेना, उमंग सक्सेना, अनिल संघवी, नामदेव आचार्य, दिलीप सिंह राठौर, ललित शाह, युनुस लोधी, सलेल खान पठान, सौरभ सोनी, हेमेंद्र व्यास, दिलीप कुशवाह, शुभम कोठारी , नरेंद्र सोलंकी प्रतिक मेहता, हितेश संघवी ने अभिभाषक संघ की और से शुभ यात्रा हेतु बधाई दी ।