झाबुआ

शासकीय शिक्षक द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी

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शासकीय कर्मचारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी…. देसी मर गए हैं जो बाहरी की जय
कर रहे हो
चुनाव तिथि की घोषणा होने के साथ ही जिले में आचार संहिता भी लागू हो गई आचार संहिता के लागू होने के साथ ही किसी भी शासकीय सेवक को चुनाव से संबंधित या प्रत्याशी से संबंधित या व्यक्ति विशेष से संबंधित टिप्पणी करने का कोई भी अधिकार नहीं है और संभवत यह आचार संहिता का उल्लंघन भी है झाबुआ के भाजपा नेता विनोद मेडा ने सोशल साइट फेसबुक पर गुमान सिंह डामोर को भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए जाने पर शुभकामनाएं व बधाई दी गई | इस शुभकामना संदेश पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अपनी अपनी ओर से बधाइयां प्रेषित की | लेकिन झाबुआ विकासखंड के सहायक अध्यापक दिनेश डूडवे जो खरडू संकुल के माल पलिया में सहायक अध्यापक वर्ग 3 ( सी एस सी )के पद पर कार्यरत है और इस शिक्षक काे यह संदेश नागवार गुजरा और उन्होंने इस बधाई संदेश पर अपने विचार व्यक्त करते हुए टिप्पणी की …देसी मर गए हैं जो बाहरी की जय कर रहे हो ....और इस तरह सोशल मीडिया पर व्यक्ति विशेष के विपक्ष में टिप्पणी की गई व साथ ही अन्य किसी व्यक्ति विशेष को टिकट नहीं दिए जाने पर टिप्पणी की गई | इस तरह एक शिक्षक द्वारा किसी संगठन के नेता द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में सोशल साइट पर बधाई संदेश को शासकीय सेवा में कार्यरत शिक्षक द्वारा गलत टिप्पणी करना खुलेआम आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है नियम अनुसार किसी भी शासकीय सेवक को सोशल साइट पर चुनावी संदेशों से संबंधित पोस्ट पर अपनी टिप्पणी करना आचार संहिता का उल्लंघन है क्या शासन-प्रशासन इस तरह के शिक्षक पर कार्रवाई करेगा या शिक्षक इसी तरह सोशल साइट पर प्रत्याशियों के पक्ष विपक्ष में लिखते रहेगे |

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