जिला भोपाल के 8 वे अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में फर्जी ऋण के आधार पर आरोपी जावेद की ली थी जमानत
भोपाल- भोपाल जिले के माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री निशीथ खरे के न्यायालय में फर्जी एवं कूटरचित ऋण पुस्तिका बनाने वाले आरोपी राकेश मीना ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और झूठा फंसाये जाने की बात कही है। अभियोजन अधिकारी सुश्री दिव्या शुक्ला ने बताया कि आरोपी के विरूद्ध धारा 467 भादवि का भी अपराध पंजीबद्ध है जो कि आजीवन कारावास की दण्डाज्ञा से दण्डनीय होकर सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है आरोपी द्वारा कारित अपराध गम्भीर प्रकृति का है। प्रकरण विवेचनाधीन है , आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नही है। केस डायरी के अवलोकन तथा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी राकेश मीना की जमानत निरस्त कर दी गयी।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिकी अनुसार आरोपी द्वारा न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 1039/2015 में आरोपी जावेद की जमानत का लाभ लेने हेतु फर्जी बहियो का उपयोग करना पाया गया जिसपर अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश भोपाल के न्यायालय में पत्र क्रमांक क्यू/20 दिनांक 10.08.2020 अनुसार संदेही रारजन शर्मा एवं संदेही रकेश मीना की जांच व कार्यवाही कये जाने के आदेश दिये जाने के उपरांत उक्त भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका कूटरचित व फर्जी होना पाया जाकर पुस्तिका के रकबा में छेडछाड किया जाना पाया जाना बताया गया है। सह अभियुक्त रामरतन द्वारा अपने मेमो में बताया गया है कि उसकने उसके साथ राकेश मीना (वर्तमान) अभियुक्त दोनों एक दूसरे के पडौसी है और दोनों के नाम पर गणेश मकवाना द्वारा बही बनवाई गई थी जो फर्जी होना बताया है उक्त प्रकरण थाना एम.पी. नगर में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।