भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने कांग्रेस के वचन पत्र को बताया ख्याली पुलाव प्रदेश की स्वाभिमानी जनता विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को देगी करारा जवाब
झाबुआ । ’ कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में शासकीय परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा लगाने पर प्रतिबंध तथा शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करने की बात कहकर अपनी ओछी व संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है। कांग्रेस का वचन-पत्र मात्र खयाली पुलाव है। जनता उसकी बातों पर ही विश्वास करती है, जिसकी कोई साख होती है।
यह बात भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कांग्रेस के वचन पत्र को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कही। उन्होंने कहा आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है। 1925 में स्थापना से लेकर आज तक संघ राष्ट्रीय विचारों व कार्यों को लेकर कार्यरत हैं। संघ के स्वयंसेवकों ने देश के लिए समय-समय पर बलिदान देकर इसकी एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में अविस्मरणीय योगदान दिया है। आज समूचा विश्व संघ व इसके स्वयंसेवकों का लोहा मान चुका है। ऐसे में अपनी जमीन खिसकने से घबराई कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रवाद पर ही हमला बोला है। प्रदेश की स्वाभिमानी जनता इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में अपनी ओछी व संकीर्ण मानसिकता का खामियाजा हर हाल में भुगतना पड़ेगा। श्री शर्मा ने आगे कहा कांग्रेस अनंतकाल से झूठ बोलने का काम करती रही है, ऐसी स्थिति में उसके वादों पर जनता द्वारा विष्वास किए जाने का सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस को पता है कि उसे सत्ता में आना नहीं है, इसलिए वह वचन पत्र में ऐसे वादे कर रही है, जिन्हें पूरा न किया जा सके।
’पंजाब की कर्जमाफी का क्या हुआ!’
भाजपा जिलाध्यक्ष शर्मा ने कहा कांग्रेस बताए, पंजाब और कर्नाटक में कर्ज माफी का क्या हुआ। कांग्रेस ने वचन-पत्र में दो लाख रुपए तक कर्जमाफी की बात कही है। ऐसा ही वादा कांग्रेस ने पंजाब के चुनाव के दौरान भी किया था, लेकिन पूरा नहीं किया। वहां 58 हजार करोड़ की कर्जमाफी होना थी, जिसमें से सिर्फ 2.5 हजार करोड़ की ही कर्जमाफी हो सकी है। इसके बाद ऐसा ही वादा कांग्रेस ने कर्नाटक में किया था, लेकिन राहुल गांधी आज तक यह बता नहीं पा रहे हैं कि वहां कितने किसानों का कितना कर्ज माफ किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कर्जमाफी की बात करने वाली कांग्रेस को जनता को यह बताना चाहिए कि पंजाब और कर्नाटक में उसके कर्जमाफी के वादे का क्या हश्र हुआ।
’सात साल कहां रही स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट’
कांग्रेस द्वारा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लेकर वचन-पत्र में कही गई बातों पर भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट 2006-07 में आई थी। इसके बाद 2014 तक देश में कांग्रेस की सरकार रही। इन सात सालों में कांग्रेस ने इस रिपोर्ट पर अमल क्यों नहीं किया। सात सालों तक यह रिपोर्ट कहां धूल खाती रही? उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के किसानों को बरगलाना चाहती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी उन्हें इस स्तर तक स्वाबलंबी बनाना चाहती है कि उन्हें कर्ज की जरूरत ही न पड़े। श्री शर्मा ने कहा कि सारे देश में गेहूं का भाव एक हजार 735 रुपए क्विंटल था, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने उस पर 265 रुपए अतिरिक्त देकर दो हजार रुपए का भाव किसानों को दिया। इसी तरह 35 हजार करोड़ की राशि एक साथ किसानों के खातों में जमा की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट से बढ़कर किसानों के लिए काम कर रही है। ’जो साइकल दे न सके वे करते हैं बात स्कूटी की’
कांग्रेस के वचन-पत्र में छात्राओं को स्कूटी दिए जाने की बात पर जिलाध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 47-48 साल कांग्रेस की सरकार रही। इस दौरान कांग्रेस ने छात्राओं को कभी साइकल तक देने की हिम्मत नहीं दिखाई। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद छात्राओं को साइकल दिए जाने की योजना शुरू की गई। अब लोन पर स्कूटी दिलाने की बात करके कांग्रेस किसे बरगलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार तो बेटी के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई, लिखाई, विवाह और सुरक्षा तक की चिंता भी करती है। यहां बेटियों की तरफ आंख उठाने वालों को फांसी पर लटका दिया जाता है। उन्होंने बेरोजगारी भत्ते के प्रावधान को बेरोजगारों के लिए ललीपप बताते हुए कहा कि कांग्रेस युवाओं को परजीवी बनाना चाहती है। इसके विपरीत भाजपा युवाओं को खुद के पैरों पर खड़ा करके स्वाभिमानी और स्वाबलंबी बनाना चाहती है। इसके लिए स्टार्टअप, स्टैंड अप, मुद्रा लोन आदि योजनाओं के माध्यम से भाजपा सरकार काम कर रही है।