गोपालपुरा (झाबुआ)– (वत्सल आचार्य मनोज अरोड़ा की खास रिपोर्ट)– शिवगंगा के कार्यकर्ताओं ने आज नवकुंभ स्थल हवाई पट्टी, गोपालपुरा में एक अनूठी सामूहिक गतिविधि का आयोजन किया, जिसमें गाँव की परंपरागत संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन हुआ। इस आयोजन में सैकड़ों महिलाओं ने मिलकर मिट्टी के चूल्हे बनाए, जिन पर 28 फरवरी से 3 मार्च में 6000 लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाएगा।
आयोजन के दौरान, गाँव की महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीत गाते हुए मिल-जुलकर कार्य किया, जिससे सामूहिक जीवनशैली और पारिवारिक सहयोग की भावना प्रकट हुई। 2.5 घंटे के भीतर 217 चूल्हे बनाए गए, जो इस आयोजन की ऊर्जा और उत्साह को दर्शाता है। इस पहल के माध्यम से भारतीय ग्रामीण संस्कृति की सहकारिता, श्रमशीलता और पारस्परिक सहयोग की भावना को बल मिला।
इस प्रकार की पहल भारत की पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण और सामाजिक सद्भाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण है। गाँवों में पारंपरिक सहयोगात्मक जीवनशैली आज भी जीवित है।
इस आयोजन का संदेश स्पष्ट है—भारत की प्राचीन ग्रामीण परंपराएँ केवल इतिहास नहीं, बल्कि जीवंत धरोहर हैं, इन्हें संरक्षित कर आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाना हम सभी का सामूहिक कर्तव्य है।