झाबुआ – मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले का महेश्वर शहर, अपने भव्य घाटों, माहेश्वरी साड़ियों, और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है । महेश्वर का पुराना नाम माहिष्मती था. यह मध्यप्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है. इसे गुप्त काशी भी कहा जाता है. महेश्वर की आन और शान माहेश्वरी साड़ियां हैं.ये साड़ियां अपनी अनूठी ज्यामितीय और नक्काशीदार डिज़ाइन और रंग संयोजन के लिए मशहूर हैं ये साड़ियां मुख्य रूप से पिटलूम यानी ज़मीन में गाड़े गए करघों पर बनाई जाती हैं । महेश्वर की इन्हीं खूबियों को ध्यान में रखते हुए पीजी कॉलेज के वाणिज्य संकाय के विद्यार्थीयों को एक दिवसीय शैक्षणिक गतिविधियों अंतर्गत महेश्वर का भ्रमण कराया गया ।
जानकारी देते हुए वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक राजेंद्र परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग भोपाल एवं पीएम उषा अभियान परियोजना के परिपालन में शैक्षणिक गतिविधियों के अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शहीद चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ के वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को शैक्षणिक गतिविधि को ध्यान में रखते हुए महेश्वर का भ्रमण कराया गया । गुरुवार को सुबह 7.30 बजे प्रशासनिक अधिकारी डॉ रविंद्र सिंह एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ जी सी मेहता द्वारा हरी झंडी दिखाकर महेश्वर जिला खरगोन के लिए रवाना किया गया । इस एक दिवसीय दौर में विद्यार्थियों को महेश्वर के भव्य घाटों के अलावा महेश्वर की प्रसिद्ध साडीयो की बनावट को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई गई । विद्यार्थियों ने महेश्वर की तीन साड़ी बनाने की यूनिट का भ्रमण किया और इस दौरान बच्चों ने देखा , किस प्रकार साड़ी बनाने में कढ़ाई , बुनाई की जाती है तथा कैसे निर्माण होता है को लेकर बारीकी से समझा । इस तरह के भ्रमण से विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया और इस दौरान विद्यार्थियों ने इन साड़ी यूनिट में कार्य कर रहे मजदूरों से बातचीत भी की और जानकारी भी ली । वहीं कई बच्चों ने इस भमण को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए शासन की इस पहल को अद्भुत बताया और ज्ञानवर्धक भी । कुछ विधार्थीयो ने बताया कि साड़ी यूनिट भ्रमण के दौरान समझा कि कैसे व्यवसाय किया जाता है इसकी जानकारी प्राप्त हुई तथा कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि साड़ी बनाने से लेकर , अच्छा लुक देकर तैयार करना, किस तरह कार्य किया जाता है जानकारी प्राप्त हुई । वहीं कुछ बच्चों ने बताया कि इस भ्रमण से इतिहास की अनेक बातों और स्थलों को देखने और समझने का मौका मिला । तो कुछ बच्चों ने इस तरह के भ्रमण को बहुत ही शानदार बताया । विद्यार्थी के साथ इस भ्रमण में वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक डॉ राजेंद्र परमार, प्रो.पीएस डावर ,डॉ अनंत सिंह , डॉ नवनीत सांकला , डॉ कृतिका श्रीवास्तव, प्रो धर्मेश परमार , प्रो सुधीर सिंह बघेल , डॉ जूली जैन भी उपस्थित थे ।
महेश्वर भमण से इतिहास की अनेक बातों और स्थलों को देखने और समझने का मौका मिला । साथ ही महेश्वर की प्रसिद्ध तीन साड़ी यूनिट का भ्रमण भी ज्ञानवर्धक है ।
दिशा कटलाना, विद्यार्थी वाणिज्य संकाय।
साड़ी निर्माण के साथ , व्यवसाय या मार्केटिंग किस प्रकार की जाता है इसकी जानकारी प्राप्त हुई ।
सिद्धि राठौर , विद्यार्थी वाणिज्य संकाय।
महेश्वर की प्रसिद्ध साड़ियों को तैयार करने को लेकर जानकारी प्राप्त हुई । भविष्य में इससे संबंधित व्यापार को लेकर योजना भी बनाई जा सकती है ।
गरिमा नीमा, विद्यार्थी वाणिज्य संकाय।
साड़ी तैयार करने में कढ़ाई बुनाई आदि किस प्रकार की जाती है और किस प्रकार साड़ी को एक अच्छा लुक दिया जाता है को लेकर जानकारी प्राप्त हुई साथ ही महेश्वर के भव्य घाटो का भी भ्रमण किया गया ।