झाबुआ

संत शिरोमणि आचार्य श्री उमेश मुनिजी की जन्म जयंती ,सकल श्वेतांबर जैन श्री संघ ने जप ,तप और त्याग के साथ मनायी

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झाबुआ – जिन शासन गौरव आत्मार्थी संत शिरोमणि आचार्य प्रवर पूज्य गुरुदेव श्री उमेश मुनि जी म.सा अणु की 93वी जन्म जयंती एवं आचार्य श्री जयानंद सूरी जी म.सा का 88 वा जन्म महोत्सव सकल श्वेतांबर जैन श्री संघ ने जप, तप और त्याग के साथ मनाया । एकासान तप के प्रत्याखान तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी श्री पंकज श्री जी आदि ठाणा तीन के द्वारा करवाए गए और मंगल पाठ सुनाया गया ।


शहर के मेन रोड स्थित श्री वर्धमान जैन स्थानक भवन पर सुबह 8:15 से 9:15 नवकार मंत्र के जाप का आयोजन हुआ । तत्पश्चात गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया । सभा का प्रारंभ चंदना बहू मंडल के स्तवन से हुआ । सभा में राजपाल जैन,सोना कटकानी ने गुरु गुणगान में स्तवन प्रस्तुत किये । श्री संघ अध्यक्ष  प्रदीप  रुनवाल ने पूज्य गुरुदेव के जीवन पर प्रकाश डाला । आपने बताया कि बाल्याकाल से ही आपका धर्म के प्रति विशेष जुड़ाव रहा । आप मैं सरलता और वात्सल्य का विशेष गुण रहा । आचार्य पद पर आसीन होने के बाद भी अंश मात्र भी आपने अपने जीवन में कभी प्रमाद नहीं किया और आपकी लेखनी से आपने संघ और समाज को प्रचुर मात्रा में साहित्य उपलब्ध कराकर ,एक नई दिशा प्रदान की । अंत में आपने कहा कि आचार्य प्रवर के अनेक उपकार झाबुआ संघ पर रहे हैं अपने दीक्षा पर्याय में तीन चातुर्मास झाबुआ शहर में किए हैं श्वेतांबर जैन मूर्तिपूजक श्री संघ की ओर से संजय  मेहता ने अपने विचार व्यक्त किये । आपने दोनों ही आचार्य के जीवन पर प्रकाश डाला,दोनों के ही अपने जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए । गुणानुवादसभा के बाद बावन जिनालय जैन मंदिर पर सामूहिक एकाशन का आयोजन किया गया ।  एकासन तप के प्रत्याख्यान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री पंकज श्री जी आदि ठाणा तीन के द्वारा करवाए गए और मंगल पाठ का श्रवण कराया गया । सामूहिक आयोजन में 250 से अधिक तपस्वियों ने एकासन तप की तपस्या की ।  एकासन के आयोजन का लाभ वर्धमान स्थानकवासी जैन श्री संघ ने लिया ।दोपहर में दो से तीन बजे तक सामूहिक सामायिक का आयोजन श्री 52 जिनालय जैन मंदिर जी पर किया गया ।

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