झाबुआ —- कलेक्टर नेहा मीना द्वारा 19 फरवरी मंगलवार को नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन की बैठक ली गई। बैठक में नशे के आदि व्यक्तियों को नशे की लत से छुटकारा दिलाए जाने के लिए जिले में नशीली दवाइयों/पदार्थों के सेवन से शारीरिक बीमारियों-दुष्प्रभावों के संबंध में जिले में व्यापक रूप से जन-जागरुकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिये गए। समस्त शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र-छात्राओं का समय-समय पर चिकित्सक के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण कराने तथा स्कूल कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों को नशे में संलिप्तता की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए छात्रों की नियमित काउंसलिंग कर शैक्षणिक संस्थाओं में नशा मुक्ति अभियान चलाए जाने को कहा गया। समस्त शालाओ के आस पास कही पर भी कोई मादक पदार्थ नहीं पाया जाना चाहिए । नशीले पदार्थो के अत्यधिक सेवन से पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी चिकित्सालय में उपचार हेतु लाया गया हो, तो ऐसी परिस्थिति में अस्पताल प्रबंधन को तुरंत इसकी सूचना दी जाए। जिससे नशीले पदार्थ करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा सके। ड्रग इंस्पेक्टर को मेडिकल दुकानों की जाँच किये जाने के निर्देश दिए, साथ ही किसी भी मेडिकल दुकानों पर बिना डॉक्टर के स्लीप के दवाई नहीं दिए जाने को कहा गया ।
झाबुआ कलेक्टर द्वारा 19 फरवरी नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन की बैठक मैं मैं मेडिकल दुकानों की जांच व मेडिकल दुकानों पर बिना डॉक्टर के स्लिप के दवाई नहीं दी जाने को लेकर आदेश दिए गए थे । लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा संभवत आज दिनांक तक उन आदेशों का पालन नहीं किया गया है । शहर में जितने भी मेडिकल स्टोर है सभी पर बिना डॉक्टर की स्लिप के दवाइयां का विक्रय लगातार किया जा रहा है इनमे से कई मेडिकल शॉप पर जो स्टाफ के कर्मचारी हैं उनमें से कई कर्मचारी तो शायद 10वीं या 12वीं पास है लेकिन फिर भी वह मेडिकल शॉप पर आमजनों को बिना स्लिप के दवाइयां विक्रय कर रहे हैं वहीं किसी आवेदक ने इस तरह की ड्रग इंस्पेक्टर की लापरवाह पूर्ण कार्य शैली को लेकर 181 पर शिकायत भी की थी लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर की मनमानी कार्यशाली का यह आलम था कि उन्होंने प्रशासन को भी गुमराह पूर्वक जवाब देते हुए यह बताया कि सभी मेडिकल स्टोर पर नियमानुसार संचालित है जबकि धरातल पर यदि गौर किया जाए, तो कई मेडिकल शॉप पर लाइसेंस किसी और के नाम का है और संचालन कोई ओर कर रहा है इसके अलावा दुकान के स्टाफ के कर्मचारी भी शैक्षणिक योग्यता भी जांच का विषय है । इस तरह यह अधिकारी कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों व आदेशों का पालन क्यों नहीं कर रही है यह गहन जांच और चिंतन का विषय है ।