श्री धर्मदास गण परिषद 60 से ज्यादा संघ के हजारों श्रावक-श्राविकाओं का समूह
थांदला (वत्सल आचार्य कि रिपोर्ट) आज से करीब 39 वर्ष पूर्व जिन शासन गौरव पूज्य श्री धर्मदास गण के प्रमुख संत जैनाचार्य परम पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनिजी “अणु” की पावन प्रेरणा व सानिध्य में जैन धर्म के अनुयायियों के आध्यात्मिक विकास के लिए श्री धर्मदास गण परिषद की स्थापना की थी। तब से लेकर आज तक पूज्य गुरुदेव व उनकी शिष्य सम्पदाओं के प्रति पूर्ण समर्पित उनके धर्मानुयायियों व भव्य जनों के लिए गुरुभगवंतों की पावन प्रेरणा से धर्मदास गण परिषद सन्तों की वैयावच्च व उनके निर्देशन में धार्मिक पाठशालाओं का संचालन, धार्मिक शिक्षण शिविर, ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताओं रूप ज्ञान-दर्शन-चारित्र-तप के विविध आयोजन करता आ रहा है। श्री धर्मदास गण परिषद के नेतृत्व व निर्देशन में ही गुरुभगवंतों के होली चातुर्मास, दीक्षा, वर्षीतप पारणा आदि विविध आयोजन भी मर्यादित नियमों में सम्पन्न होते है। श्री धर्मदास गण परिषद समाज के धार्मिक विकास के साथ ही सामाजिक व आर्थिक विकास में भी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करता आ रहा है। पूज्य श्री धर्मदास सम्प्रदाय की इस सर्वोच्व संस्था के विगत रविवार को गुजरात प्रान्त के दाहोद शहर में साधारण सभा का आयोजन गण परिषद अध्यक्ष विनीत जैन के नेतृत्व में किया गया जिसमें आने वालें तीन वर्षों के लिए नवीन अध्यक्ष पर सदस्यों से प्रस्ताव मांगें। सभा में उपस्थित मध्यप्रदेश के डूंगर प्रान्त, मालवा, निमाड़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र से आये संघ अध्यक्ष व पदाधिकारियों में से कुछ सदस्यों ने गण परिषद के उपाध्यक्ष वरिष्ठ पदाधिकारी प्रकाशचंद्र चौरड़िया (इंदौर), गण परिषद मार्गदर्शक भरत भंसाली (थांदला), युवा संग़ठन अध्यक्ष नीरज मूणत (पेटलावद) व युवा शैलेश पीपाड़ा (रतलाम) के नाम के प्रस्ताव रखें। संघ के मार्गदर्शक मंडल के साथ उपर्युक्त चारों नामों के साथ विचार विमर्श कर उनकी सहमति के साथ थांदला के भरत भंसाली को आगामी 3 वर्षों के लिए अध्यक्ष मनोनीत किया। श्री धर्मदास गण परिषद के अध्यक्ष भरत भंसाली के नाम की घोषणा वरिष्ठ प्रकाशचन्द्र चौरड़िया के द्वारा करते ही उपस्थित सदन ने हर्ष-हर्ष – जय-जय के उदघोष के साथ ही गुरुभगवंतों के जयकारें लगाते हुए नवीन अध्यक्ष का स्वागत किया।
गुरुभगवंतों की प्रेरणा व आशीर्वाद से संघ हित में कार्य करूंगा – भरत भंसाली
सभा में निवृत्तमान अध्यक्ष विनीत जैन ने कहा कि व्यक्ति मिले दायित्व का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करता है। अन्य संस्था में आय-व्यय के साथ किये कार्य का ब्यौरा दिया जाता है लेकिन यह संस्था सेवा व समर्पण की है इसमें जितना कार्य किया जाए वह कम ही है फिर भी मैने अपना कार्य पूर्ण समर्पण भाव के साथ किया फिर भी यदि किसी को कमी लगी हो तो वह मेरी व्यक्तिगत मान कर सबसे क्षमा मांगता हूँ। उन्होंनें नवीन अध्यक्ष को बधाई देते हुए आने वालें वर्षों में उनके सफल कार्यकाल की अपेक्षा व्यक्त करते हुए अपने अनुभव के साथ आवश्यक होने पर सहयोगी बन साथ कार्य करने का आश्वासन दिया। माहामंत्री राजेंद्र गादिया ने आय -व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। गण परिषद की नवीन इकाई व वरिष्ठजनों ने निवृत्तमान अध्यक्ष विनीत जैन, उपाध्यक्ष प्रकाशचंद्र चौरड़िया, महामंत्री राजेन्द्र गादिया, कोषाध्यक्ष नरेंद्र मोदी को परिषद के दुपट्टे, शाल व माला पहनाकर उनके कार्यकाल में संघ सेवा की अनुमोदना करते हुए बहुमान किया। नवीन अध्यक्ष ने अपने प्रथम अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि उन्हें अध्यक्ष मनोनीत करने पर गण परिषद व उपस्थित-अनुपस्थित समस्त श्रीसंघों का धन्यवाद देते हुए भंसाली ने कहा कि यह पद एक व्यवस्था है जिसे वे आप सभी श्रीसंघ के वरिष्ठ जनों के सहयोग से ही सफल संचालित किया जा सकता है। ऐसे में सबका सहयोग एक अध्यक्ष के रूप में ही अपेक्षित है। भंसाली ने कहा कि वे बुद्धपुत्र पूज्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी के मार्गदर्शन में समस्त संघ में एकता व समन्वय के साथ आध्यत्मिक विकास के कार्यों के प्रयास करते रहेंगें व आगामी समय में इसके कुशल क्रियान्वयन के लिए गण परिषद का विकेंद्रीकरण करते हुए प्रत्येक संघों की सक्रिय भूमिका की कार्य योजना बनायेंगें। उन्होंनें आगामी समय में गुरुदेव के होली चातुर्मास (बड़नगर) में व अक्षय तृतीया के पारणें के साथ सम्भावित दीक्षा प्रसंग में गण परिषद की सक्रिय भूमिका रहे व सभी सदस्य उपस्थित रहे ऐसी अपेक्षा व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि गण परिषद के अध्यक्ष भरत भंसाली विगत गण परिषद में संगठन मंत्री रहे है वही आप पूज्य श्री धर्मदास जैन स्वाध्यायी संघ के संचालक व धार्मिक मासिक पत्रिका धर्मधारा के प्रधान संपादक होकर थांदला श्रीसंघ के ऊर्जावान अध्यक्ष भी है। उक्त जानकारी प्रवक्ता पवन नाहर (थांदला) ने दी। सभा में वरिष्ठ प्रदीप रुनवाल व शिखरचंद छाजेड़ ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संचालन वरिष्ठ मार्गदर्शक जितेंद्र घोड़ावत (थांदला) ने किया व आभार दाहोद संघ अध्यक्ष ऋषभ छजलानी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर झाबुआ संघ अध्यक्ष प्रवीण रुनवाल, मेघनगर नन्दाचार्य साहित्य समिति संचालक पंकज वागरेचा, अध्यक्ष रवि सुराणा, अंकेलश्वर से विनोद धोखा, जीवदया प्रेमी प्रेमचंद सुराणा, चिराग नाहर, दीपक रुनवाल, संतोष चपलोद, कांतिलाल मूणत, प्रकाशचंद्र पोखरना, सुमित चोपड़ा, प्रवीण विनायक्या, मिलिंद कोठारी, केतन रुनवाल आदि अनेक संघ अध्यक्ष व पदाधिकारी व युवा तरुणाई मौजूद थे।