झाबुआ। शहर सहित जिलें के ढाबो व कई किराना दुकानो-ठेलो में देशी-विदेशी शराब मिलना कोई हैरानी भरी बात नही है, बल्कि यह आम बात होती जा रही है। बावजूद जिम्मेदार आबकारी महकमा जानकर अंजान बना हुआ है। जिले की कई किराना दुकानों एवं कथित ढाबो में देशी-विदेशी शराब कैसे पहुच रही है। इसके स्त्रोत कौन है ? इसका पता लगाना आबकारी महकमा उचित नही समझता है। दबी जबान से यही बताया जा रहा है कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफिया महकमें के कुछ लोगों को हर महिने चढावा देते है। जिससे उन्हें विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही, दबिश की भी जानकारी मिल जाती है और वे सचेत होकर अवैध शराब को इधर उधर कर देते है। गौरतलब है कि जिलें में देशी-विदशी शराब इन दिनों बेधड़क तरीके से शहरी क्षेत्र से लेकर गावं-गावं में बेची जा रही है। अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं के लोग मोटरसायकल व चार पहिया वाहनो में अवैध शराब भरकर संबधित क्षेत्र के कथित किराना व ढाबो में आसानी से पहुंचा रहे हैं, उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नही रहता। धडल्ले से हो रही बिक्री आलम यह है कि शहरी क्षेत्र व हाईवे से लगे ढाबो व कुछ किराना दुकानों में बड़े आसानी के साथ देशी-विदेशी शराब मिल रही हैं। चर्चाए है कि राणापुर, झाबुआ, पिटोल, भगोर, कल्याणपुरा, अंतरवेलिया, पारा, कुंदनपुर, थांदला, मेघनगर, भगोर, संदला, झायडा, फुलमाल, ढेकल आदि क्षेत्र में धड़ल्ले के साथ जगह-जगह अवैध देशी-विदेशी शराब की बिक्री हो रही है। इस बारे में आबकारी अमला जानकर अंजान बना हुआ हैं और कार्रवाही वही होती जहा से सदभाव नही बनता है या फिर अपने टारगेट को पूरा करने के लिए कार्रवाही करते है, ताकि यह बताने के लिए रहे कि अवैध शराब करोबारियों के विरूद्ध अमला सख्त हैं। फिलहाल जिले के शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में देशी-विदेशी शराब की हो रही अवैध बिक्री को लेकर आबकारी विभाग सवालों में घिरता जा रहा हैं। वही युवा वर्ग नशेे गिरफ्त में जकड़ता जा रहा हैं। पुलिस चला रही नशामुक्त अभियान पुलिस प्रशासन नशामुक्त अभियान जिले भर में चला रहा हैं और स्वयं पुलिस अधीक्षक भी शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र की बैठकों में किसी भी प्रकार का नशा ना करने का आग्रह लोगों खासकर युवाओं से कर रहे है, ताकि उनके परिवार को परेशानियां ना झेलना पडे, लेकिन इसके विपरीत शहर से लेकर गांव तक धड़ल्ले के साथ देशी-विदशी शराब बिक रही है। आलम यह है कि ग्रामीण अंचलो में शराब माफिया कारोबारियों के घर व उनके ठिकानों पर शराब पहुचा रहे हैं। कभी कभार अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोग शराब और वाहनों सहित आबकारी और पुलिस के जाल में भी फंस जाते है। दुसरी तरफ आए दिन सड़क हादसा व बाद-विवाद, मारपीट, हत्या नशेे की वजह से हो रही हैं। अनेक बार पुलिस के प्रेस नोट में भी इस बात का जिक्र रहता है कि विवाद, मारपीट एवं हत्या का कारण नशाखोरी हैं। हालाकी पुलिस नशामुक्त अभियान को असली उद्देश्य तक ले जाने में जुटी हुई है। अधिकारियों को करना होगा आकस्मिक निरीक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अपने कक्ष से बाहर आकर आकस्मिक निरीक्षण करना होगा, तभी वे सच्चाई से रूबरू हो सकेगे। आबकारी अमला छोटी मछलियों को पकडकर अक्सर अपनी पीठ धपधपा रहा है और वरिष्ठों की नजरों में अपनी सक्रियता की झुठी छाप छोड रहा है। अमला यदी जिला मुख्यालय पर ही निष्पक्ष रूप से दबिशे डालता है तो झाबुआ शहर से भारी मात्रा में अवैध शराब जप्त हो सकती है, लेकिन अमला यहां अपनी सख्ती दिखा पायेगा ? इस पर सबकी नजरे है, जो इन कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर रखते है।