किशोर न्याय (बालकों के देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 यथा संशोधन 2021 की धारा 2(14) के तहत बालक के संरक्षण व सर्वोत्तम हित को दृष्टिगत रखते हुए हरिद्वार(उत्तराखंड) पहुंची जिले की एक 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ द्वारा उसकी माता के सुपुर्द किया गया।
ध्यातव्य है कि झाबुआ जिले की नाबालिग बालिका हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पाई गई थी। रेलवे पुलिस द्वारा बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति चौहान से संपर्क किया गया। अध्यक्ष द्वारा बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) हरिद्वार से संपर्क कर बालिका को अपनी देखरेख व संरक्षण में रखने हेतु कहा गया। उक्त मामला समिति के संज्ञान में आते ही समिति की अध्यक्ष द्वारा बालिका के माता-पिता को ढूंढने का अथक प्रयास किया गया। जिसमें अंततः समिति को सफलता मिली। समिति (न्यायपीठ) झाबुआ द्वारा बालिका को हरिद्वार से सकुशल लाने के पश्चात उसकी माता को सुपुर्द किया गया। इस दौरान बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ के सदस्य श्री चंचल भंडारी, श्रीमती बेला कटलाना, श्रीमती सपना भट्ट और श्रीमती पूजा चौहान एवं महिला एवं बाल विकास विभाग का विशेष व सराहनीय योगदान रहा।