झाबुआ

लगातार राज्य के बाहर से आ रहे नाबालिग बच्चे।

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इतनी लंबी दूरी की यात्रा करने के पश्चात 16 वर्षीय नाबालिक बालिका का मध्यप्रदेश झाबुआ मेघनगर रेलवे स्टेशन पर पाया जाना कहीं ना कहीं चिंतन योग्य और विचारणीय विषय है।
गौरतलब है कि बुधवार को झाबुआ मेघनगर रेलवे स्टेशन पर हरिद्वार उत्तराखंड की एक 16 वर्षीय नाबालिक बालिका घूमते नजर आई। रेलवे पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर उसके घर से बिना बताए आने की जानकारी मिली। उक्त मामला रेलवे पुलिस द्वारा बाल कल्याण समिति (न्यायापीठ) झाबुआ को भेजा गया। बाल कल्याण समिति झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति चौहान, सदस्य श्री चंचल भंडारी, श्रीमती सपना भट्ट एवं श्रीमती बेला कटलाना द्वारा मामले को तुरंत संज्ञान में लिया और आए दिन हो रही ऐसी घटनाओं पर चिंता एवं खेद व्यक्त किया। क्योंकि नाबालिक बच्चे किसी ने किसी बात से नाराज होकर या घर वालों से झगड़ा कर बिना बताए घर से दूर निकल जाते हैं। जो कि परिवार के साथ-साथ हमारे सभ्य समाज के लिए भी कहीं ना कहीं एक चिंताजनक विषय है। इतनी लंबी दूरी की यात्रा के दौरान रास्ते में कहीं भी किसी भी विभाग, अधिकारी या व्यक्ति द्वारा नाबालिक से पूछताछ तक नहीं की गई जो भी  चिंताजनक है। बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ द्वारा बालिका के माता-पिता एवं बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) हरिद्वार से संपर्क किया गया। उक्त मामले में बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ द्वारा सारी औपचारिकताएं पूर्ण करने के पश्चात नाबालिक बालिका को झाबुआ विधि सह परीक्षा अधिकारी श्री रविंद्र सिंह अहोरिया, सामाजिक कार्यकर्ता श्री अनिल आवासीया, झाबुआ पुलिस आरक्षक श्री सचिन कन्नौज और महिला आरक्षक अनीता गामड़ को सुपुर्द कर सुरक्षित उनके माध्यम से बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) हरिद्वार उत्तराखंड को स्थानांतरित किया गया। जिसमें इन सभी का विशेष योगदान रहा। साथ ही बाल कल्याण समिति (न्यायापीठ) झाबुआ की सदस्य श्रीमती पूजा चौहान, डीपीओ झाबुआ श्री राधु सिंह बघेल एवं पुलिस प्रशासन का सराहनीय योगदान रहा।

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