धार, एक मई 2025/ जनजाति कार्य विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश की सभी विशिष्ठ संस्थाओं में प्रतिभाओं को संवारने और रोचक तरीके से शिक्षा प्रदान करने के उद्वेश्य से समर कैंप आयोजित किए गए। इसी कड़ी में धार शासकीय कन्या शिक्षा परिसर में भी 10 दिवसीय समर कैंप आयोजित किया गया, जिसका बुधवार को समापन हुआ।
संस्था प्रमुख प्राचार्य डॉ एस कुमार ने बताया कि नवीन शिक्षा नीति 2020 में प्रावधान किए गए विषयों को आधार बनाकर छात्राओं को बौद्धिक, शारीरिक एवं रोजगारमूलक कार्य और विकास के गुर संस्कार और संस्कृति के साथ सिखाए गए। प्रतिदिन राष्ट्रगान, सरस्वती वंदना, प्रेरणा गीत और ध्यान योग से समर कैंप की शुरुआत हुई। छात्राओं को अलग-अलग समूह में बांट कर विभिन्न गतिविधियां कराई गई। छात्राओं को आओ हम भी करके सीखें की थीम पर कढ़ाई, पेंटिंग, मंडाना, मिट्टी के खिलौने तथा स्वतंत्र अभिव्यक्ति की गतिविधियां कराई गई। वेस्ट से बेस्ट थीम पर आधारित पुरानी चीजों से आकर्षक सजावट की चीजें बनाई गई। महिला सशक्तिकरण के लिए भी छात्राओं से गतिविधि कराई गई। जिसमें लोक माता अहिल्याबाई होलकर के योगदान एवं कार्यों को चित्र, पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से दर्शाया गया।
दस दिवसीय समर कैंप में वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षाविदों ने आकर गतिविधियों को देखा और किए जा रहे नवाचार पर प्रसन्नता जताई। सहायक आयुक्त एनएस बरखड़े ने भी छात्राओं से विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।
कैंप में नवीन गतिविधियों से मिली सीख से उत्साहित छात्राओं का कहना है कि समर कैंप में की गई रोचक गतिविधियों से उनके जीवन में परिवर्तन आया है। समर कैंप का शुभारंभ पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जयंत जोशी द्वारा किया गया। वही समापन संकुल प्राचार्य उमावि भोज कन्या धार श्री भंवर, द्वारा किया गया।
समर कैंप के अंतिम दिन समस्त गतिविधियों कर, निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई। समर कैंप में शासकीय कन्या शिक्षा परिसर के सभी शिक्षकों एवं समस्त स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा। संस्था के प्राचार्य डॉ एस कुमार द्वारा आभार माना गया।