हर बच्चे को घर और परिवार मिले यह हर बच्चे का है मौलिक अधिकार।” इसी कथन को चरितार्थ किया है बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति चौहान एवं मंदसौर के अध्यक्ष श्री उमराव सिंह जैन द्वारा।
“हर बच्चा अनमोल हर बच्चा ईश्वर का उपहार, हर बच्चे को घर और परिवार मिले यह हर बच्चे का है मौलिक अधिकार।” इसी कथन को चरितार्थ किया है बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति चौहान एवं मंदसौर के अध्यक्ष श्री उमराव सिंह जैन द्वारा। झाबुआ निवासी एक नाबालिक बालिका उम्र 9 वर्ष जो पिछले दो वर्षों से एक संस्था में निवासरत थी को मंदसौर अध्यक्ष श्री जैन ने संज्ञान में लेकर उसे बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ को सहायक उप निरीक्षक नरेन्द्र मकवाना और महिला आरक्षक नीतू गेहलोद के माध्यम से स्थानांतरित किया। बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति चौहान, सदस्य श्री चंचल भंडारी, श्रीमती बेला कटलाना, श्रीमती सपना भट्ट, और श्रीमती पूजा चौहान के द्वारा बालिका के परिवार का पता लगाया गया और बालिका को शुक्रवार को उसके परिवार के सुपुर्द किया। बालिका को परिवार से मिलवाने पर जो सुखद अनुभूति बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) के दोनों जिलों को हुई वह निःशब्द है। उक्त प्रकरण में बाल कल्याण समिति(न्यायपीठ) मंदसौर, महिला बाल विकास विभाग झाबुआ का विशेष योगदान रहा।