झाबुआ

जिले के किसानों से खरीफ मौसम की फसलों के लिये वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग हेतु समसामयिक सलाह*

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           झाबुआ, 9 जून 2025। जिले में खरीफ मौसम की फसलो के लिए कृषि विभाग द्वारा उर्वरको की वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी प्रारंभ की जा चुकी है। कलेक्टर नेहा मीना के मार्गदर्शन में उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री एन.एस. रावत के द्वारा कृषकों को उनकी आवश्यक्ता के अनुरूप उर्वरक की आपुर्ति भी की जा रही है तथा उर्वरक भण्डारण एवं वितरण कार्य गतिशील है। अद्यतन स्थिति में जिले में 10037 मेट्रिक टन यूरिया, डी.ए.पी., 2584 मेट्रिक टन, एन.पी. के. 4693 मेट्रिक टन, एम.ओ.पी. 493 मेट्रिक टन तथा एस.एस.पी. 2211 मेट्रिक टन भण्डारित होकर जिले के किसानों के लिये उपलब्ध है।
           खरीफ सीजन में किसानों के द्वारा बोनी के समय आधार डोज के लिए उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। विगत कई वर्षों से यह देखने में आया है कि किसानों द्वारा एक ही प्रकार के उर्वरक जैसे- यूरिया, डीएपी, सुपर फास्फेट का ही प्रयोग किया जा रहा है। इससे एक ही प्रकार के उर्वरक के प्रति किसानों की निर्भरता बनी हुई है, जिसकी पूर्ति अन्य उर्वरक जैसे 12:32:16 एवं 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरकों का उपयोग कर किसान डीएपी एवं यूरिया पर निर्भरता कम कर सकते है। ये मिश्रित उर्वरक समितियों में एवं बाजारों में निजी विक्रेताओं के पास भी आसानी से उपलब्ध रहते हैं।
            खरीफ फसल सोयाबीन के लिए प्रति हेक्टेयर 30:60:50 किग्रा पोषक तत्व नत्रजन, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसान पहले विकल्प के रूप में 188 किग्रा 12:32:16 मिश्रित उर्वरक एवं 16 किग्रा यूरिया उर्वरक का उपयोग कर सकते है। सोयाबीन फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में किसान 150 किग्रा 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरक का उपयोग कर सकते है। इन दोनों विकल्पों से सोयाबीन फसल हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।

          *मक्का फसल* के लिए प्रति हेक्टेयर 120:50:30 किग्रा पोषक तत्व नत्रजन, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसान पहले विकल्प के रूप में 220 किग्रा यूरिया एवं 156 किग्रा 12:32:16 मिश्रित उर्वरक का उपयोग कर सकते है। मक्का फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में किसान 204 किग्रा यूरिया एवं 130 किग्रा 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरक तथा 150 किग्रा एस.एस.पी. उर्वरक का उपयोग कर सकते है। इन दोनों विकल्पों से मक्का फसल हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।

          *कपास* के लिए प्रति हेक्टेयर 150:75:40 किग्रा पोषक तत्व नत्रजन, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसान पहले विकल्प के रूप में 265 किग्रा यूरिया एवं 235 किग्रा 12:32:16 मिश्रित उर्वरक का उपयोग कर सकते है। कपास फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में किसान 261 किग्रा यूरिया एवं 150 किग्रा 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरक तथा 130 किग्रा एस.एस.पी. उर्वरक का उपयोग कर सकते है। इन दोनों विकल्पों से कपास फसल हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।

            *अरहर* के लिए प्रति हेक्टेयर 30:50:30 किग्रा पोषक तत्व नत्रजन, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसान पहले विकल्प के रूप में 25 किग्रा यूरिया एवं 155 किग्रा 12:32:16 मिश्रित उर्वरक का उपयोग कर सकते है। अरहर फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में किसान 150 किग्रा 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरक एवं 25 किग्रा एस.एस.पी. उर्वरक का उपयोग कर सकते है। इन दोनों विकल्पों से अरहर फसल हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।
           *मुंग/उड़द* के लिए प्रति हेक्टेयर 20:50:40 किग्रा पोषक तत्व नत्रजन, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु किसान पहले विकल्प के रूप में 156 किग्रा 12:32:16 मिश्रित उर्वरक का उपयोग कर सकते है। मुंग/उड़द फसल हेतु दूसरे विकल्प के रूप में किसान 150 किग्रा 20:20:0:13 मिश्रित उर्वरक एवं 125 किग्रा एस.एस.पी. उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं। इन दोनों विकल्पों से मुंग/उड़द फसल हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।
            कृषि विभाग द्वारा जिले के कृषकों से आग्रह करता है कि उच्च गुणवत्ता युक्त कृषि आदान उचित मुल्य पर अधिकृत विक्रेताओं से ही क्रय करे तथा पक्का बिल अवश्य लेवे। अधिक जानकारी हेतु नजदीकी क्षेत्र के मैदानी अमलों, कृषि कार्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क कर सकते है।

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