*धार, 14 जून 2025/* कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा के निर्देशन में 11वॉ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून को धार जिले में पर्यटन स्थल मांडू के जहाज महल के सामने प्रातः 6 बजे से आयोजित होगा। यह कार्यक्रम ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए’ थीम पर आधारित रहेगा। जिला आयुष आयुष अधिकारी डॉ रमेश चंद्र मुवेल के मार्गदर्शन में प्रतिदिन योग अभ्यास कराया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला आयुष अधिकारी डॉ रमेश चंद मुवेल, आयुष चिकित्सक डॉ नरेन्द्र नागर डॉ साते सिंह सोलंकी डॉ अशोक मंडलोई, डॉ दिनेश कनोजे योग गुरु, योगा ट्रेनर श्री जगदीश चंद शर्मा, श्रीमती नेहा बाजपाई व श्री राजकुमार चौहान ने बताया कि 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन होता है। तकनीकी रूप से इस दिन को ग्रीष्म अयनांत या संक्रांति (Summer Solstice) कहा जाता है। दिल्ली में यह दिन लगभग 14 घंटे का होता है। ग्रीष्म संक्रांति के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध में एक विशिष्ट क्षेत्र द्वारा प्राप्त प्रकाश की मात्रा उस स्थान के अक्षांशीय स्थान पर निर्भर करती है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
*संक्रांति’ शब्द का अर्थ* यह एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “Stalled Sun” यानी “ठहरा हुआ सूर्य”। यह एक प्राकृतिक घटना है जो पृथ्वी के प्रत्येक गोलार्द्ध में वर्ष में दो बार होती है, एक बार ग्रीष्म ऋतु में और एक बार शीत ऋतु में।
*ग्रीष्म संक्रांति के बारे हमें* यह उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। इस दौरान उत्तरी गोलार्द्ध के देश सूर्य के सबसे निकट होते हैं और सूर्य कर्क रेखा (23.5° उत्तर) पर ऊपर की ओर चमकता है। 23.5° के अक्षांशों पर कर्क और मकर रेखाएँ भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में स्थित हैं। 66.5° पर उत्तर और दक्षिण में आर्कटिक और अंटार्कटिक वृत्त हैं। अक्षांश भूमध्य रेखा से किसी स्थान की दूरी का माप है। संक्रांति के दौरान पृथ्वी की धुरी जिसके चारों ओर ग्रह एक चक्कर पूरा करता है। आमतौर पर यह काल्पनिक धुरी ऊपर से नीचे तक पृथ्वी के मध्य से होकर गुज़रती है और हमेशा सूर्य के संबंध में 23.5 डिग्री झुकी होती है। आर्कटिक सर्कल में संक्रांति के दौरान सूर्य कभी अस्त नहीं होता है।
*ऊर्जा की अधिक मात्रा* इस दिन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा की अधिक मात्रा इसकी विशेषता है। नासा (राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन) के अनुसार, इस दिन पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा की मात्रा भूमध्य रेखा की तुलना में उत्तरी ध्रुव पर 30% अधिक होती है। इस समय के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध द्वारा सूर्य के प्रकाश की अधिकतम मात्रा आमतौर पर 21 जून को प्राप्त होती है।