झाबुआ

कोरोना योद्धा को ये कैसा मिला सम्मान

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फिलहाल तो प्रभार किसी और को दिया गया है-  स्वास्थ्य अधिकारी ठाकुर

मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा के सम्मान की बात कर रहे और दूसरी और हो रहा अपमान क्या यही है ईमानदारी से काम करने का इनाम

 झाबुआ। मुख्यालय का जिला स्वास्थ्य विभाग आए दिन अपने नित्य नए कामों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है, कई बार तो ठेकेदारों की सप्लायर का मामला हो,चाहे मलेरिया विभाग में हुए भ्रष्टाचार का मामला भी दौलत भावसार द्वारा उठाया गया हो, चाहे वर्तमान में हड़ताली कर्मचारियों पर मारपीट का मामला हो जो थाने तक पहुंच गया हूं, आए दिन मुख्यालय का स्वास्थ विभाग सुर्खियों में बना रहता है, इस बार स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव होने के कारण निकालने का मामला सोशल मीडिया खूब वायरल हो रहा है। जिला चिकित्सालय में स्टीवर्ड के पद पर कार्यरत प्रेम डेनियल कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वायरल खबर से तो पद से हटाने की खबर बखूबी वायरल हो रही है। ऐसे तो स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी पूर्व के दिनों में कोरोना के चपेट में आए थे और सब स्वस्थ होकर अपने कार्य पर फिर लौट आए हैं लेकिन वह सब कर्मचारी कोरन टाइम भी हुए थे और विभाग भी नहीं आए थे लेकिन वायरल खबर में बताया गया कि कोराना पॉजिटिव होने के कारण प्रेम डेनियल को हटाया गया है और स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की रंजीत की भावना रखते हुए एक तरफा कार्रवाई की गई है जबकि दूसरे कर्मचारी आए आए थे तब इस प्रकार की कार्रवाई नजर नहीं आई थी आखिर ऐसा क्यों.? जिला कलेक्टर को इसको संज्ञान में लेकर के जो दोषी है उस पर एक्शन कार्रवाई करना चाहिए क्योंकि यदि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है तो उनके नहीं उन पर कार्रवाई होना चाहिए.? यदि प्रेम डेनियल कोरोना पॉजिटिव है तो उन्हें कोरनटाईन हो करके रेस्ट करना चाहिए जिससे कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित ना हो सके और बचाव ही सुरक्षा है जिससे अन्य व्यक्ति संक्रमित होने से बच सकें, वही स्वास्थ विभाग में जिन लोगों ने उन्हें हटाया है उसकी भी जांच होना चाहिए क्योंकि कौन सही और कौन गलत है इसकी जान कलेक्टर को करवाना चाहिए और दोषियों पर एक्शन कार्रवाई हो सके, यह तो जांच का विषय है जिससे स्वास्थ विभाग आए दिन जो नित्य नए कामों के लिए सुर्खियां बटोर रहा है उस पर अंकुश लगाया जा सके।

वायरल हुई यह खबर

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस  ने पूरी दुनिया को चपेट में ले रखा है। वहीं कोरोना के फ्रंट लाइन वारियर्स हर दिन अपनी जान हथेली पर रख इस वायरस से लड़ रहे हैं। कुछ ने तो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए इस युद्ध में जान तक न्योछावर कर दी है। ऐसे ही जिला चिकित्सालय में स्टीवर्ड के पद पर कार्यरत प्रेम डेनियल ने कोरोना काल में खाना पीना सब छोड अपनी जिन्दगी दाव पर लगाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन पुरी ईमानदारी से किया। लेकिन उनकी इस सेवा का फल में अलग ही मिला।

कोरोना योद्धा को ये कैसा मिला सम्मान

कोरोना काल में स्टीवर्ड प्रेम डेनियल ने जिला चिकित्सालय में हर तरह से सेवा भाव दिखाते हुए। जिला चिकित्सालय में हर तरह की समस्या का निराकरण बडी ईमानदारी से किया। इस दौरान अपने कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए। जिसके चलते उन्होने अपनी जांच करवाते हुए अपने को होम कोरन्टाईन कर दिया। जांच के बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटीव आई। जब वो कोरोना पाॅजिटिव और होम कोरन्टाईन हो गए है तो वो केसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने जिला चिकित्सालय आ सकते है। ऐसे में उन्हे अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित नही होने पर पद से हटा दिया गया। ये केसा अंधा कानुन है जो एक योद्धा का इस तरह से अपमान कर रहा है। संयुक्त कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान एक कोराना संक्रमित मरीज कैसे उपस्थित हो सकता है।

सुत्रों का तो यह भी कहना है कि कोरोना काल में कुछ जिम्मेदार आलाअफसर कागजों में हेराफेरी कर लाखों का गोलमान करना चाहते थे मगर प्रेम डेनियल ने उसका विरोध किया कि इस तरह से संकट काल में तो इस तरह का गोलमाल न हो। ऐसे में इस आला अफसरों को संयुक्त कलेक्टर के दौरे के निरीक्षण का मौका मिल गया और उन्होने कार्यालय का ताला तोड सामान निकाला। अगर वो चाहते तो कार्यालय की चाबी ले सकते है। ऐसे में बिना सुचना दिए इस तरह का कृत्य करना अपराध की

स्टीवर्ड बोले:-

मुझे वायरल खबर के माध्यम से जानकारी मिली है कि मुझे हटाया गया है लेकिन मुझे इस प्रकार का कोई लेटर नहीं मिला है। फिलहाल मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण मैं कोरन टाइन हूं।

प्रेम डेनियल- स्टीवर्ड

जिम्मेदार बोले:-

लेकिन हमने जब इसकी पड़ताल की तो जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने 1 दिन पहले तो मुझे संज्ञान में नहीं है इस बात को कह कर के अगले दिन तक बता पाऊंगा यह कह कर पल्ला झाड़ लिया था लेकिन दूसरे दिन जिला स्वास्थ्य अधिकारी जेएस ठाकुर ने स्पष्ट किया कि उनका प्रभार फिलहाल किसी और को दिया गया है जैसे ही वह ठीक होंगे उन्हें वापस लिया जाएगा।

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