झाबुआ

लोहे के दामों में असामान्य उछाल से कहीं हितग्राहियों का आवास योजना का सपना, सपना ही ना रह जाए….

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झाबुआ- विगत कई दिनों से लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है इस असामान्य बढ़ोतरी के कारण सरिए के दामों में असामान्य उछाल से आ गया है जो सरिया 1 माह पूर्व 4000 से ₹4200 प्रति क्विंटल में आसानी से उपलब्ध हो रहा था आज वही सरिया 5000 से ₹5200 प्रति क्विंटल के भाव से बाजारों में मिल रहा है व्यापारियों के अनुसार बाजार में कोई खास मांग नहीं होने के बावजूद भी इस तरह सरियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी समझ से परे है मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के हितग्राहियों के लिए लोहे के दामों में उछाल के कारण घर बनाने का बजट लगभग बिगड़ ही गया है इसके अलावा भी घर बनाने का सपना देख रहे आमजन को भी इस असमान उछाल के कारण बजट बिगड़ता सा नजर आ रहा है दूसरी ओर सीमेंट के दाम भी लगभग आसमान को छू रहे हैं सीमेंट विभिन्न ब्रांड की करीब 335 से ₹350 प्रति बैग उपलब्ध हो रही है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब करीब ₹50 प्रति बैग अधिक है इस तरह घर बनाने में सीमेंट ,सरिया के अलावा अब रेत के दाम में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है धीरे-धीरे घर बनाने के सभी सामग्री के बढ़ते रेट के कारण हितग्राहियों का बजट लगभग बिगड़ता सा नजर आ रहा है और इस कारण अतिरिक्त राशि मकान निर्माण को लेकर खर्च करना पड़ेगी । प्रश्न है कि क्या कारण है कि लोहे के दामों में उछाल देखने को मिल रही है ऐसा क्या हुआ जो लोहा ₹4000 प्रति किंवटल के दाम में उपलब्ध हो रहा था आज वह ₹5000 प्रति क्विंटल के भाव में उपलब्ध है । करीब ₹1000 प्रति क्विंटल की तेजी या ₹10000 प्रति टन । वर्तमान में जो लोहे के दाम है वह अपने सबसे उच्चतम दर पर है संभवत कभी बाजार इतने ऊंचे भावों में नहीं रहा है । इस तरह की तेजी के कारण करीब 10% राशि मकान निर्माण को लेकर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगी । क्योंकि दरों में वृद्धि लगातार हो रही है । बाजारों में अचानक इस तरह की.तेजी से हितग्राही के साथ-साथ आमजन भी हतप्रभ है । सबसे बड़ी परेशानी या दिक्कत मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को होगी , क्योंकि जिन हितग्राहियों के प्रथम किस्त डल गई है उन्हें दूसरी किस्त, छत डालने के लिए , जिस में सरिया ,सीमेंट की आवश्यकता होती है और चुकी दरों में लगातार वृद्धि हो रही है इससे उनका बजट बिगड़ना लगभग तय है । इसके अलावा उन हितग्राहियों को भी परेशानीयो का सामना करना पड़ेगा, जिनको आवास योजनाओं के तहत मकान निर्माण की स्वीकृति या राशि खाते में अब ट्रांसफर की जावेगी ।.क्योंकि मकान निर्माण की सामग्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है लेकिन आवास योजना के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी नहीं हो रही है ।.जिससे हितग्राहियों का बजट बिगड़ना संभावित है और कही इतनी कम राशि में आवास योजना का सपना, सपना ही ना रह जाए । केंद्र सरकार व राज्य सरकार को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर इस तरह लोहे के दामों में लगातार हो रही.वृद्धि पर अंकुश लगाये और कम से कम दरों पर सरिया ,सीमेंट व अन्य मकान निर्माण सामग्री उपलब्ध हो सके ऐसी व्यवस्था की जाना चाहिए, जिससे हितग्राहियों को आवास का सपना पूर्ण हो सके ।. क्या केंद्र और राज्य सरकार इस ओर ध्यान देगी या फिर यह बढ़ोतरी यूं ही लगातार बढ़ती रहेगी…..?

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