झाबुआ

टाइगर पड़ रहा भारी……

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झाबुआ विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

भाजपा और कांग्रेस में कांटे-जोड़ की टक्कर, तो टायगर जोरो से मार रहा अपनी दहाड़

झाबुआ। विधानसभा चुनाव के तहत झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा सीटों की बात की जाए, तो सबसे कशमकश भरा मुकाबला इस बार झाबुआ विधानसभा सीट पर हाेने वाला है। झाबुआ में त्रिकोणीय मुकाबला है, अर्थात तीन प्रत्याशी मुख्य रूप से चुनावी मैदान में डटे हुए है। भाजपा से जहां जीएस डामोर तो कांग्रेस से डाॅ. विक्रांत भूरिया के अलावा तीसरे निर्दलीय प्रत्याशी जेवियर मेड़ा, की बात की जाए, वह टायगर की तरह चुनावी मैदान में उतरकर दहाड़ मार रहे है, उनके साथ उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों की लंबी फौज है, ऐसे में आखिरकार इस विधानसभा क्षेत्र से कौन किस पर भारी पड़ेगा, कौन बाजी मरेगा, यह फिलहाल साफ तौर पर नही कहा जा सकता है।

आम-चर्चाओं के साथ प्रचार-प्रसार में जेवियर मेड़ा आगे
वर्तमान में जो झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में शहर के साथ ग्रामीण अचंलों की भी बात की जाए, तो चर्चाओं में शहरी एवं ग्रामीण लोग जेवियर मेड़ा को एक प्रबल उम्मीद्वार के रूप में देख रहे है। जेवियर मेड़ा की बात की जाए तो वे सरल स्वभावी, मिलनसार होने के साथ पूर्व में विधायक रहने के दौरान उनके द्वारा जिस तरह से जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में जो अभूतपूर्व कार्य किए थे, जिनसे आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की जनता उन्हें अपना मानती है एवं उनका श्री मेड़ा से विशेष लगाव है। विधायक रहने के दौरान भी दो पहिया वाहन से शहर में घूमना और ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई बार वे दो पहिया वाहनों से कोई भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए चले जाने के साथ ही उनका पिछला विधायकीय कार्यकाल देखा जाए, तो काफी शांत एवं बिना कोई विवाद के पूर्ण हुआ। आज भी शहरी एवं ग्रामीण लोगों में उनकी पहचान एक बार विधायक बन जाने के बाद भी जमीनी कार्यकर्ता के रूप में आज भी उसी तर्ज पर कार्य करने की बनी हुई है, हाॅलाकि कांग्रेस पार्टी ने इस बार उनके पार्टी से बागी होकर निर्दैलीय चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है, लेकिन विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर उनका जोश और ललक अभी भी कम नहीं हुई है।

टाईगर के नाम से क्षेत्र में हुए प्रसिद्ध
वहीं इन दिनों जेवियर मेड़ा अपने प्रचार-प्रसार की तेज रफतार और कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों की लंबी टोली के साथ उनके द्वारा गांव-गांव, फलिये-फलिये में धुआंधार प्रचार-पस्रार करने से, वे उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच टाईगर कहलाएं जाने लगे है। सोशयल मीडिया पर उनके फोटो के साथ ‘टाईगर अभी जिंदा है’ के बने विभिन्न प्रकार के पोस्ट एवं तूफानी जनसंपर्क के वीडिया वायरल हो रहे है। जिसके चलते वे क्षेत्र में भी अब आमचर्चाओ में टाईगर के रूप में पहचाने जाने लगे है। आमचर्चाओं में लोगों द्वारा उन्हें इन दिनों अधिक पसंद किया जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से जेवियर मेडा चुनाव मैदान में थे और किस तरह से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कलावती भूरिया ने करीब 18000 मत प्राप्त किए थे जिसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा के शांतिलाल बिलवाल करीब 15000 मतों से विजई हुए | तो कहीं ना कहीं इस टाइगर की उपस्थिति से इस विधानसभा क्षेत्र का चुनाव बड़ा ही रोचक हो चला है |

जीएस डामोर मोदी की तर्ज पर कर रहे प्रचार-प्रसार
उधर दूसरी ओर झाबुआ विधानसभा के भाजपा प्रत्याषी जीएस डामोर ‘मोदी’ की तर्ज पर प्रचार-प्रसार कर रहे है। उनका गुरूवार को पिटोल में जनसंपर्क के दौरान एक फोटो सोशयल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक चाय की दुकान पर पहुंचे, तो उन्हाेने दुकानदार से हाथ मिलाने के बाद अपने हाथ में चम्मच पकड़कर तपेली में चाय बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही उनके द्वारा जगह-जगह चुनाव कार्यालयों का उद्घाटन एवं जनसंपर्क की रफतार को भी अब काफी तेज कर दिया गया है। भाजपा की योजनाओं का बखान करते हुए भाजपा प्रत्याशी ने एक बार फिर इस विधानसभा क्षेत्र में कमल का फूल खिलाना हेतु आह्वान किया है और लगातार जनसंपर्क से ग्रामीण क्षेत्रों में अपार जनसमर्थन मिल रहा है है एवं युवा पीढ़ी भी कार्यकर्ताओं के रूप में उनके साथ कार्य कर रही है | यदि हम जी एस डामोर की प्रचार कार्य प्रणाली पर ध्यान दें तो कहीं ना कहीं उनकी शैली माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलती-जुलती नजर आ रही है जिस तरह से माननीय मोदी जी आम जनता में आसानी से घुल मिल जाते हैं उसी तरह झाबुआ विधानसभा के प्रत्याशी गुमान सिंह डामोर भी इस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों से आसानी से घुल मिल रहे हैं कहीं खाटला बैठकों पर तो कहीं चाय की दुकानों पर चर्चाएं करते हुए तो कहीं जनता की समस्याओं को धयान से सुनते हुए| उनकी इस कार्यप्रणाली से शहर व ग्रामीण जनता उनसे विशेष रूप से प्रभावित है |
मिली क्लीनचिट
14 नवंबर, बुधवार को भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल के नामांकन फार्म वापस लेने के बाद श्री डामोर को अब सीधे तौर पर क्लीन चिट मिल गई है। श्री बिलवाल के चुनावी मैदान में उतरने से उनका जो भारी-भरकम वोट बैंक प्रभावित होने की संभावना थी, वह श्री बिलवाल के नाम वापसी से उन्हें काफी राहत मिली है। इस विधानसभा क्षेत्र में पूरी भाजपा एक ताकत के साथ लगातार जनसंपर्क कर रही है तथा ग्रामीण इलाकों में खाटला बैठक व चौपाल आदि आयोजित कर भाजपा की योजनाएं आमजन काे समझा रही है अगर वर्तमान स्थिति पर गौर किया किया जाए और भाजपा के लगातार जनसंपर्क पर ध्यान दिया जाए और किस तरह से वह भाजपा की योजनाओं को आम जनों को समझाने में कामयाब हो रहे हैं तथा जिस तरह से उन्हें जनसमर्थन मिल रहा है साथ ही टाइगर के नाम से प्रसिद्ध जेवियर मेडा भी इस विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और कार्यकर्ताओं के साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने पक्ष में मतदान हेतु अपील कर रहे हैं ऐसा लग रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में मुख्य रूप से भाजपा के गुमान सिंह डामोर व निर्दलीय प्रत्याशी जेवियर मेडा के बीच मुकाबला नजर आ रहा है |

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