झाबुआ, 24 दिसम्बर 2020। भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नई दिल्ली द्वारा दिव्यांगजनों हेतु विशेष दिव्यांगता पहचान पत्र (यू0डी0आई0डी0) प्रदान किए जाने की योजना प्रारंभ की गई। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा जिसके तहत दिव्यांगजनों को दस्तावेजों की बहुल प्रतियॉ बनाने एवं रखरखाव बहुदस्तावेजों को ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। दिव्यांगजनों को भविष्य में विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु दिव्यांगजन की पहचान एवं सत्यापन के लिए एकल दस्तावेज होगा।
इसी तारतम्य में नवागत कलेक्टर श्री रोहित सिंह द्वारा समीक्षा के दौरान जिले में 4366 दिव्यांगजनों (33 प्रतिशत) को कॉर्ड जारी होने तथा उक्त कार्य में मध्य प्रदेश में अत्यधिक पिछड़ा होकर (48 नंबर पर) होने से विशेष अभियान चलाने तथा समस्त दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कॉर्ड प्रदान करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री सिंह के निर्देशन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सिद्धार्थ जैन के मार्गदर्शन में विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत समस्त सचिव/रोजगार सहायकों के माध्यम से दिव्यांगजनों के घर-घर जाकर दस्तावेजों का संकलन किया गया। जिन दिव्यांगजनों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं थे, उन दिव्यांगजनों के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सहयोग से जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र में माह में प्रत्येक प्रथम एवं तृतीय सोमवार तथा गुरूवार को भी मेडीकल बोर्ड का आयोजन कर तथा शिविरों के माध्यम से दिव्यांगजनों के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए गए। विगत चार माहों 27 अगस्त 2020 से अद्यतन् 23 दिसम्बर 2020 तक कुल 5428 दिव्यांगजनों के नवीन यूडीआईडी कॉर्ड बनाए गए हैं। इस प्रकार अब तक कुल 9794 दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कॉर्ड बनाए गए हैं तथा जिले की प्रगति 33 प्रतिशत से 94 प्रतिशत होकर 48 नंबर से 17 नंबर की रैंकिंग मध्य प्रदेश में प्राप्त की गई। उक्त कार्यवाही वर्तमान में भी प्रचलित है। उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण श्री दिनेश वर्मा ने अनुरोध किया है कि ऐसे दिव्यांगजन जो अभी तक इस योजना से वंचित है, अपने ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक अथवा नगरीय निकाय में संबंधित नगर पालिका अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।