झाबुआ

लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी से मकान निर्माण की लागत में हुआ इजाफा

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लोहे के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से आवास योजना के हितग्राही का बिगड़ा बजट……….

सरकार का लोहा उत्पादक कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं होने से दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी,

झाबुआ- विगत कई दिनों से लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है इस असामान्य बढ़ोतरी के कारण सरिए के दामों में असामान्य उछाल से आ गया है जो सरिया 1 माह पूर्व 4000 से ₹4200 प्रति क्विंटल में आसानी से उपलब्ध हो रहा था आज वही सरिया 5500 से ₹5700 प्रति क्विंटल के भाव से बाजारों में मिल रहा है व्यापारियों के अनुसार बाजार में कोई खास मांग नहीं होने के बावजूद भी इस तरह सरियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी समझ से परे है मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के हितग्राहियों के लिए लोहे के दामों में उछाल के कारण घर बनाने का बजट लगभग बिगड़ ही गया है इसके अलावा भी घर बनाने का सपना देख रहे आमजन को भी इस असमान उछाल के कारण बजट बिगड़ता सा नजर आ रहा है दूसरी ओर सीमेंट के दाम भी लगभग आसमान को छू रहे हैं सीमेंट विभिन्न ब्रांड की करीब 335 से ₹350 प्रति बैग उपलब्ध हो रही है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में करीब करीब ₹50 प्रति बैग अधिक है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी को लेकर चिंता व्यक्त की थी और दामों पर नियंत्रण नहीं होने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में वैकल्पिक व्यवस्था की बात भी कही थी । एक तरफ सरकार द्वारा योजनाओं का पिटारा खोला जाता है वहीं दूसरी ओर सरकार का निजी कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं होने से यह कंपनियां मनमाने दामों में अपने लोहा व्यस्को को बाजार में बेच रही है ।विगत दिनों से लोहा बाजार में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और करीब 25% तक यह बढ़ोतरी नजर आ रही हैं ।.इस बढ़ोतरी के कारण कहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गरीब वर्ग के लिए आवास योजना , सपना ही ना रह जाए । लोहे के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से अतिरिक्त राशि मकान निर्माण को लेकर खर्च करना पड़ेगी । प्रश्न है कि क्या कारण है कि लोहे के दामों में उछाल देखने को मिल रही है ऐसा क्या हुआ जो लोहा ₹4000 प्रति किंवटल के दाम में उपलब्ध हो रहा था आज वह ₹5500 प्रति क्विंटल के भाव में उपलब्ध है । करीब ₹1500 प्रति क्विंटल की तेजी या ₹15000 प्रति टन । वर्तमान में जो लोहे के दाम है वह अपने सबसे उच्चतम दर पर है संभवत कभी बाजार इतने ऊंचे भावों में नहीं रहा है । इस तरह की तेजी के कारण करीब 15% राशि मकान निर्माण को लेकर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगी । क्योंकि दरों में वृद्धि लगातार हो रही है । बाजारों में अचानक इस तरह की.तेजी से हितग्राही के साथ-साथ आमजन भी हतप्रभ है । इसके अलावा हितग्राहियों को भी परेशानीयो का सामना करना पड़ेगा, जिनको आवास योजनाओं के तहत मकान निर्माण की स्वीकृति या राशि खाते में अब ट्रांसफर की जावेगी ।.क्योंकि लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है लेकिन आवास योजना के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी नहीं हो रही है ।.जिससे हितग्राहियों का बजट बिगड़ना संभावित है और कही इतनी कम राशि में आवास योजना का सपना, सपना ही ना रह जाए । केंद्र सरकार व राज्य सरकार को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर इस तरह लोहे के दामों में लगातार हो रही.वृद्धि पर अंकुश लगाये और कम से कम दरों पर सरिया उपलब्ध हो सके, ऐसी व्यवस्था की जाना चाहिए । जिससे हितग्राहियों को आवास का सपना पूर्ण हो सके ।. …।. क्या कारण है कि केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद भी लोहा उत्पादक कंपनियों ने अपने दामों में कोई कटौती नहीं की , वरन दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है । लोहे के दामों में लगातार बढ़ोतरी से आमजन के साथ-साथ हितग्राही भी अब सरकार को कोसते हुए नजर आ रहे हैं तथा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।.क्या केंद्र और राज्य सरकार इस ओर ध्यान देगी या फिर यह बढ़ोतरी यूं ही लगातार बढ़ती रहेगी….. और आम जनता परेशान होती रहेगी ।

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