झाबुआ- प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को मिटाने के लाख प्रयास कर ले ,माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दे दे ,लेकिन उन्हीं के अधीनस्थ कर्मचारी ,भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए , शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए, लाखों की खरीदी बिना टेंडर प्रक्रिया के कर रहे है ।
ऐसा ही मामला झाबुआ के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ,झाबुआ द्वारा विभिन्न निर्माण कार्य को लेकर किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ अंतर्गत ,मनरेगा योजना के तहत विभिन्न निर्माण कार्य जैसे – खरंजा निर्माण ,सीसी रोड ,रिपेयरिंग आदि निर्माण कार्यों के लिए सरिया ,सीमेंट की आवश्यकता है इसी को लेकर विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाते हुए पार्टी विशेष को लाभ देने के उद्देश्य से बिना टेंडर प्रक्रिया के सामग्री खरीदी की जा रही है जबकि शासकीय नियमानुसार संभवत करीब 2 लाख से अधिक की खरीदी पर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया अपनाना होती है जिसमें सामग्री को लेकर मापदंडों का खुलासा तथा सामग्री की गुणवत्ता भी दर्शाई जाती है । यदि टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है तो शासन को कम से कम दर पर सामग्री उपलब्ध होगी । जिससे शासन को लाखों का फायदा भी होगा । यदि कोटेशन दर पर खरीदी होती है तो विभाग द्वारा पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए अधिक दरों में खरीदी करेगी । वहीं विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर, कार्यपालन यंत्री द्वारा , बिना टेंडर प्रक्रिया के, सामग्री खरीदी की फाइल को ,जिला कलेक्टर की टेबल पर स्वीकृति हेतु पहुंचा दिया गया । संभवतः जिला कलेक्टर को अधूरी जानकारी देकर भ्रमित करने का प्रयास भी किया जा सकता है और पश्चात स्वीकृति लेने का प्रयास भी किया जा रहा है । जबकि खरीदी हेतु टेंडर प्रक्रिया को अपनाना आवश्यक है । अब यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या, जिला कलेक्टर इस तरह की बिना टेंडर प्रक्रिया की फाइल ,.सामग्री खरीदी को स्वीकृति देते हैं या नहीं…। संभवत जानकारी अनुसार इस तरह शासन को बिना प्रक्रिया के आर्थिक हानि पहुंचाना , आर्थिक अनियमितताओं की श्रेणी में भी आता है और जांच कर कार्रवाई भी की जा सकती है। सूत्रों की माने तो साहब का कहना है कि विगत कुछ माह में मेरा रिटायरमेंट है और यदि स्वीकृति मिलती है तो बाद में जांच में ,कुछ भी होना नहीं है ।सूत्र का यहां तक कहना है कि यह खरीदी मात्र कागजों पर ही होगी ,बाकी संपूर्ण बिलिंग होकर पार्टी विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाया जाएगा और लाभ में आर्थिक हिस्सा लेने का प्रयास किया जाएगा । इस तरह की प्रक्रिया से यह भी प्रतीत होता है कि कही बिना टेंडर प्रक्रिया के खरीदी कर ,प्रदेश की भाजपा सरकार को कही बदनाम करने की साजिश तो नही । चूंकि आरोप-प्रत्यारोप तो शासनकाल के दौरान होते हैं ।
शासन प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की सामग्री खरीदी में पारदर्शिता अपनाते हुए, ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ,तय मापदंड अनुसार सामग्री खरीदी की जाना चाहिए ,जिससे शासन को कम से कम दर पर सामग्री उपलब्ध हो सके । क्या शासन प्रशासन इस तरह की बिना टेंडर प्रक्रिया की खरीदी पर कोई कार्रवाई करेगा….या बिना प्रक्रिया के फाइल पर. स्वीकृति प्रदान करेगा….।
अगले अंक में विभाग द्वारा किस तरह न्यायालय प्रकरण के मामले मे, ठेकेदार को भुगतान करने के लिए सारे प्रयास किए…..।