झाबुआ

23 की उम्र में देश के लिए मर मिटे आदिवासी अंचल के शहीद भगवानलाल मिंडकिया

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शहीद भगवानलाल को श्रद्धांजलि देते हुए भाव विभोर हुआ तारखेड़ी।23 की उम्र में देश के लिए मर मिटे शहीद भगवानलाल मिंडकिया।


तारखेड़ी। ऐ मेरे देश की मिट्टी, तेरे लिए खुद को मिट्टी में मिला जाऊ,
अब तू ही बता इससे ज्यादा तेरे खातिर और क्या कर जाऊ..!!

इन्हीं पंक्तियों को आत्मसात किया झाबुआ के अमर शहीद भगवान लाल मिंडकिया ने जिन्होंने महज़ 23 वर्ष की अल्प आयु में राष्ट्र के प्रति अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। 23 जुलाई ये वो तारीख़ थी जब आदिवासी अंचल के इस रणबांकुरे ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। आज शहीद भगवानलाल के बलिदान दिवस के मौके पर शहीद समरसता मिशन की प्रेरणा से वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विजय चौहान के नेतृत्व में श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर शहीद की वीरमाता के गंगाजल के पाद प्रक्षालन कर राष्ट्र के प्रति उनके सर्वोच्च समर्पण के प्रति सम्मान प्रकट किया। इस अत्यंत भावुक क्षण को देख कर कोई भाव विभोर था, देशभक्ति के इस कार्यक्रम में हर कोई तारखेड़ी के लाल को याद कर गौरवान्वित महसूस कर रहा था। आपकों बता दे शहीद समरसता मिशन द्वारा देशभर में शहिदों के सम्मान एवं उनके परिवारों की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए अभियान चलाए जा रहे है, इसी मिशन की प्रेरणा की झलक तारखेड़ी में भी नज़र आई।

इस मौके पर सिंगश्वर धाम के महंत श्री रामेश्वरगिरी ने शहादत को नमन करते हुए कहा कि संत और सैनिक इस राष्ट्र की संस्कृति की नींव में निहित है, जब तक राष्ट्र पर जीने और मर मिटने वाले लोग है तब तक यह महामृत्युंजय संस्कृति पूरे विश्व का मार्गदर्शन करती रहेगी। वहीं शहीद समरसता मिशन के सक्रिय सदस्य समाजसेवी जितेंद्र जैन ने भी शहीद मिंडकिया के पराक्रमी जीवन पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

इस मौके पर महेंद्र राठौर झकनावदा, भुरुलाल पाटीदार गोलासा, कुलदीप लवनसी, ईश्वर मिडकिया, शांतिलाल चौधरी, लक्ष्मण चौधरी, संजय डाबी, प्रदीप राजपुरोहित, मुकेश अजनार पूर्व भीलसेवा संघ अध्यक्ष, चेतन सोलंकी के साथ-साथ अन्य समाजसेवी देशभक्त मौजूद रहें।

गौरतलब है कि शहीद भगवान मिंडकिया त्रिपुरा की सातवीं बटालियन (पैरामिलिट्री फ़ोर्स)में बतौर राइफलमेन तैनात थे। आज ही के दिन 23 जुलाई 2004 को उनकी शहादत हुईं थी।

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