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गोद लेना व देना एक वैधानिक प्रक्रिया हैए जिसका पालन किया जाना अनिवार्यए पालन नहीं किये जाने पर होगा जुर्माना

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धार 24 जुलाई 2021ध् जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने बताया कि कई गैर सरकारी संगठन उन बच्चों के बारे में विज्ञापन कर रहे हैं जो अनाथ हो गये हैं अथवा जिन्होंने कोविड संक्रमण के फलस्वरूप अपने परिवार को कोविड.19 के कारण खो दिया है। बहुत से लोग ऐसे बच्चों को गोद लेने अथवा देने के संबंध में सोशल मीडिया पर भी मुहिम चला रहे हैं जबकि इस स्थिति में ऐसे बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत् देखरेख और संरक्षण का जरूरतमंद बालक घोषित कर अधिनियम के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही कर बाल कल्याण समिति के समक्ष संरक्षण के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। पूर्व के माह में अनेकों ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैए जिसमें यह आरोप लगाया जा रहा है कि अशासकीय व्यक्तिए संगठन द्वारा कोविड.19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों का पालन किये बिना ही दत्तक ग्रहण के परिवार को दिया जा रहा हैए जबकि किसी भी बच्चे को दत्तक ग्रहण पर सभी प्रावधानों का पालन अधिकृत प्राधिकरण द्वारा ही दिया जा सकता है। कोई व्यक्ति अथवा संस्था जो वैधानिक प्रक्रिया अपनाये बिना निराश्रित बच्चे को दत्तक ग्रहण पर देता या लेता है तो उनको 6 माह का कारावास या 10 हजार रूपए का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

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