झाबुआ

आओ पता लगाए – राणापुर तहसील अंतर्गत किस बैंक के कैशियर ने खाताधारक की 13 बार राशि को जमा ही नहीं किया…

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झाबुआ- जिले में साक्षरता में कमी और जन जागरूकता के अभाव में कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं वही जिले के एक बैंक के कैशियर ने खाताधारक की जागरूकता की कमी को ध्यान में रखते हुए ,उसके खातों में राशि जमा ही नहीं की और 13 बार की राशि अपने जेब में रख ली और बकायदा जमा स्लिप भी दी ।

झाबुआ जिले के राणापुर तहसील अंतर्गत एक बैंक के केशियर का अनोखा मामला सामने आया है जानकारी अनुसार मकान मालिक ने अपना मकान किराए पर दे रखा और किराए की राशि को अपने खाते में जमा करने हेतु खाता नंबर और अन्य जानकारी किराएदार को दी । किराएदार द्वारा बकायदा संबंधित बैंक में जाकर ₹3000 हर महीने किराए के रूप में मकान मालिक के खाते में जमा कराएं और बकायदा बैंक के कैशियर द्वारा जमा स्लिप भी दी गई । किराएदार द्वारा करीब 13 बार यह राशि बैंक खाते में जमा की गई । मकान मालिक ने जब अपना खाता या पासबुक में एंट्री कराई तो संबंधित 3000 की 13 एंट्रियां उसे नहीं मिली । तब मकान मालिक ने किराएदार को पासबुक की एंट्री बताई और कहां की राशि आपने जमा नहीं की । तब किराएदार द्वारा जमा पर्ची दिखाई । तब बैंक में से इसकी शिकायत की गई । शिकायत के आधार पर बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा इसकी जांच पड़ताल की गई और पाया गया कि बैंक केशियर द्वारा राशि 3000 की 13 किस्तो को संबंधित के खाते में जमा ही नहीं की गई और राशि की हेराफेरी की गई और बकायदा इसकी जमा पर्ची भी दी गई है । इस प्रकार बैंक केशियर द्वारा आर्थिक अनियमितता के तहत कार्य किया गया । इस बारे में संबंधित बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने किसी भी प्रकार की इस तरह की हेराफेरी से इनकार कर दिया । जब इस बारे में बैंक के प्रधान कार्यालय में जाकर जानकारी प्राप्त की तो संबंधित बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जांच पड़ताल में संबंधित केशियर द्वारा राशि को जमा नहीं किया और जमा पर्ची दी गई । तब बैंक के प्रधान कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उसे अन्यत्र जगह स्थानांतरित कर दिया गया और अपने मुख्य कार्यालय को कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया । प्रश्न यह है कि जब बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को इस तरह की आर्थिक अनियमितता और हेराफेरी का मामला आया तो बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संबंधित के खिलाफ 420 के तहत मामला दर्ज क्यों नहीं कराया गया । क्यों बैंक के अधिकारियों द्वारा उसके केशियर को निलंबित नहीं किया गया । स्थानांतरण देकर उपकृत करने का क्या कारण रहा यह समझ से परे है । आओ पता लगाएं कि झाबुआ जिले के राणापुर तहसील की वह कौन सी बैंक है जिसमें केशियर द्वारा खाता धारक के खाते में ₹3000 की 13 बार राशि को संबंधित के खाते में जमा ही नहीं किया और अपनी जेब में रख लिया । यह तो एक मामला था जो सामने आया इस प्रकार और भी कई मामले हो सकते हैं जिसकी जांच पड़ताल की जाना चाहिए तथा संबंधित केशियर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए , ताकि यह घटना की पुनरावृत्ति ना हो….।

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